गौहत्या पर संतों का आक्रोश महाकुंभ-2025 की पवित्रता पर उठाया सवाल

शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 3 दिसंबर 2024, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली।महाकुंभ-2025 की तैयारियों के बीच उत्तर प्रदेश में गौहत्या के बढ़ते मामलों को लेकर साधु-संतों में गहरी नाराजगी है। महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा ने आज नई दिल्ली स्थित प्रेस कल्ब ऑफ इंडिया में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते सरकार की नीतियों और प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए तथा तीन प्रमुख मांगें रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सनातन धर्म और उसके मूल्यों की रक्षा की उम्मीदें थीं, लेकिन गौहत्या के मामलों में वृद्धि के चलते यह विश्वास टूटता नजर आ रहा है। कम्प्यूटर बाबा ने विशेष रूप से गौतमबुद्धनगर में हाल ही में पकड़े गए 340 टन गौमांस का जिक्र करते हुए इसे सनातन धर्म पर 'कुठाराघात' बताया। उन्होंने कहा कि यह गौमांस भैंस के नाम पर अवैध तरीके से सप्लाई किया जा रहा था, जिसमें हजारों गायों की क्रूर हत्या शामिल है। बाबा ने दावा किया कि इस गौमांस के अवशेष और खून को गंगा नदी में बहाया जा रहा है, जिससे गंगा की पवित्रता दूषित हो रही है। कंप्यूटर बाबा ने उत्तर प्रदेश सरकार से 16 दिसंबर,2024 तक मांगें पूरी न करने पर गाजियाबाद सहित पूरे देश में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए धर्म संसद का आयोजन करने की बात कहीं है। साथ ही महामंडलेश्वर ने सरकार और  शंकराचार्य से सवाल पूछा है कि गौ के अवशेष व खून से सने गंगा जल में साधु संत कैसे स्नान करें? अगर गौ अवशेष से और खून से सने गंगा जी में ही स्नान करना है तो साधु संतों को कुंभब जाने की क्या जरूरत है हम बूचड़खाने में ही स्नान कर लेंगे।

इस प्रेस वार्ता में डॉ राजेश ओझा, महाराज पीठाधीश्वर, मां गंगा सेवा समिति अध्यक्ष डॉ. रवीश त्यागी, आचार्य मधुर दास जी महाराज (रामायनी जी), हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष राजीव कुमार आशीष,  महंत रामचरण दास जी, महंत अमर दास जी, महंत  विवेक दास जी,  महंत महेश जी भी उपस्थित थे। महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि गंगा जल अब आचमन करने योग्य नहीं रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि गंगा में गौमाता के अवशेष मिलते रहे, तो यह सनातन धर्म  के लिए एक बड़ा संकट साबितव होगा। कम्प्यूटर बाबा ने उत्तर प्रदेश सरकार से तीन प्रमुख मांग रखकर जवाब मांगाब है :

1. खून व गौमांस से सने गंगाजल में स्नान करने के लिए सरकार ने महाकुंभ में क्या प्रबन्ध किया है? शंकराचार्य, अखाड़े बताएं कि क्या स्नान से पूण्य नष्ट नहीं होंगे?

2. गौतस्करी में लिप्त गाजियाबाद व अन्य स्थान की फैक्ट्रियों और कोल्ड स्टोरेज पर बुलडोजर चलाकर कानूनी कार्रवाई की जाए और दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाए।

3. उत्तर प्रदेश में गौमाता को 'राजमाता' का दर्जा दिया जाए, जैसा कि महाराष्ट्र सरकार नेब पहले किया है।

कम्प्यूटर बाबा ने सभी संतों और महंतों से अपील की कि वे शास्त्रों के अनुसार महाकुंभ में स्नान से पहले ऐसा मार्गदर्शन करें जिससे भक्तों के पुण्य नष्ट न हों। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर 16 दिसंबर 2024 तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे गाजियाबाद के साहिबाबाद में गौ धर्म संसद आयोजित करेंगे और अपनी रणनीति तय करेंगे। इस दौरान, अगर संतों के प्राण भी चले जाएं, तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे, और इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। यह मामला उत्तर प्रदेश में गौहत्या के मुद्दे पर साधु-संतों और सरकार के बीच टकराव का संकेत दे रहा है। महाकुंभ जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन की पवित्रता और गौमाता की रक्षा के सवालों पर अब सरकार की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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