• स्वास्थ्य सिटीज इनिशिएटिव पर 2030 तक शहरी पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने के लिए शुरू किया
शब्दवाणी समाचार, बुधवार 27 नवम्बर 2024, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। द हंस फाउंडेशन (टीएचएफ) ने अपनी 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वास्थ्य सिटीज इनिशिएटिव का शुभारंभ किया। यह एक परिवर्तनकारी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका से जुड़ी शहरी चुनौतियों का समाधान करना है। यह महत्वपूर्ण पहल, टीएचएफ की यात्रा को दर्शाती है, जो कमजोर समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। इस पहल का लक्ष्य 2030 तक 20 शहरों में 13 करोड़ से अधिक शहरी निवासियों की ज़िन्दगी में सुधार लाना है। स्वास्थ्य सिटीज इनिशिएटिव, फाउंडेशन की 15 वर्षों की प्रतिबद्धता का उत्सव है, जो असमानताओं को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह कार्यक्रम एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाता है, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, विकलांगता समावेशन और आजीविका सृजन को मिलाकर समावेशी, आत्मनिर्भर और सतत शहरी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य है। पिछले 15 वर्षों में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकलांगता समावेशन और आजीविका में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करते हुए द हंस फाउंडेशन ने 20,000 गांवों और 20 शहरों में 40 मिलियन लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। बच्चों के लिए जीवन रक्षक सर्जरी के वित्तपोषण से लेकर विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने तक, टीएचएफ भारत के कमज़ोर लोगों के लिए समानता और अवसर बनाने में सबसे आगे रहा है। स्वास्थ्य सिटीज इनिशिएटिव इस यात्रा की एक स्वाभाविक प्रगति है, जो शहरीकरण की अनूठी चुनौतियों से निपटती है।
इस पहल के तहत, हर शहर में 50 हंस वेलनेस सेंटर होंगे, जो वंचित विद्यार्थियों के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सहायता को सहजता से मिश्रित करेंगे। इस कार्यक्रम में विकलांगता के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने वाले 10 समावेशी स्कूल भी शामिल होंगे, साथ ही विकलांगता का शीघ्र पता लगाने के लिए कई बाल विकास केंद्र और झुग्गी बस्तियों में विकलांग व्यक्तियों के लिए घर-घर जाकर सेवाएं देने वाली लगभग 40 मोबाइल थेरेपी बसें भी होंगी। इसके अलावा, कार्यक्रम का उद्देश्य हर शहर में दो ऐसे स्कूल बनाना है, जो बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए अनौपचारिक शिक्षा प्रदान करेंगे। ये स्कूल उन औपचारिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को भी मजबूत करेंगे, जहां अकादमिक उत्कृष्टता और खेल गतिविधियों के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए संसाधनों की कमी है। इसके अलावा, अस्पतालों के साथ साझेदारी करते हुए, टीएचएफ के बाल चिकित्सा कार्यक्रम उन बच्चों के लिए चलाए जाएंगे जो जन्मजात बहरे हैं, जन्मजात हृदय रोग वाले बच्चे, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और मिर्गी के उपचार सहित अन्य बाल चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता वाले बच्चे हैं।
हंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुश्री श्वेता रावत ने कहा, "स्वास्थ्य सिटीज हमारी दृष्टि को प्रदर्शित करता है, जिसका उद्देश्य शहरी जीवन को समग्र रूप से बेहतर बनाना है। हम समुदाय के लोगों को साथ लेकर प्रयास करने की इनोवेटिव सोच के साथ शहरीकरण की जटिल चुनौतियों को हल करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि इस प्रकार से किए गए प्रयास सभी को सम्मान और एक समान अवसर प्रदान करते हैं। यह पहल न केवल जरूरी स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक पहुंच बढ़ाएगी, साथ ही समाज को भीतर से मजबूत बनाएगी। यह पहल भारत के शहरों में जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के हमारे समर्पण को और मजबूती प्रदान करती है। इन प्रयासों के साथ, हमारा लक्ष्य पर्यावरण के अनुकूल शहरी वातावरण का निर्माण करना है जहाँ हर व्यक्ति, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, समाज में सार्थक रूप से योगदान दे सके, साथ ही अपनी जिंदगी बेहतर बना सके।
ये स्वास्थ्य सिटीज देश के 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद होंगे। इन शहरों में अहमदाबाद, बैंगलोर, चेन्नई, कोयंबटूर, गाजियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा/नोएडा, गुरुग्राम, हावड़ा, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, नागपुर, सूरत, पुडुचेरी, पुणे, रायपुर, मुंबई, ठाणे शामिल हैं। इन शहरों की कुल आबादी करीब 13 करोड़ है। स्वास्थ्य शहर प्रोग्राम 2030 तक इन शहरों की करीब 2 करोड़ आबादी को लाभ पहुंचाएगा। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह पीवीएसएम, युवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) ने भी इस पहल की सराहना की और कहा हंस फाउंडेशन पिछले 15 वर्षों में लाखों लोगों के लिए आशा की किरण रहा है। मुझे विश्वास है कि स्वास्थ्य सिटीज असमानताओं को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के फाउंडेशन की एप्रोच पर आगे भी काम करता रहेगा। बदलाव के इस सफर का गवाह बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह महत्वपूर्ण पहल द हंस फाउंडेशन के भारत के कमजोर वर्गों की सेवा करने के मिशन के 15 वर्षों का उत्सव है। इसके परिवर्तनकारी प्रभाव की पिछली सफलता को देखते हुए, स्वास्थ्य सिटीज इनिशिएटिव भारत में सतत और समावेशी शहरी विकास के लिए एक नया मानक स्थापित कर रही है।
Comments