हरमीत सिंह कालका ने रोष प्रदर्शन को स्थगित करवाया : परमजीत सिंह सरना

सिख पंथ के साथ गद्दारी करते हुए बंदी सिंहों की रिहाई के लिए आयोजित

शब्दवाणी समाचार, सोमवार 18 दिसंबर 2s023, संपादकीय व्हाट्सएप 08803818844, नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना ने कहा है कि बंदी सिंहों की रिहाई के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा 20 दिसंबर को गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से राष्ट्रपति भवन तक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाना था लेकिन दिल्ली कमेटी के कठपुतली अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका द्वारा पैदा की गई बाधा के चलते इसे स्थगित करना पड़ा।

यहां जारी एक बयान में सरदार सरना ने कहा कि इस विरोध मार्च के लिए दिल्ली की संगत ने पूरी तैयारी कर ली थी और पंजाब व देश के अन्य राज्यों से सिख संगठन बड़ी संख्या में इस मार्च में शामिल होने के लिए आने वाले थे मगर हरमीत सिंह कालका ने सिख कौम के साथ गद्दारी करते हुए इस मार्च को स्थगित करने के लिए नकारात्मक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हरमीत सिंह कालका ने जिस पांच सदस्यीय कमेटी का हवाला देते हुए इस पूरे कार्यक्रम को रद्द करवाया है। वह 6 दिसंबर को उस कमेटी का हिस्सा बने थे जबकि यह कार्यक्रम 3 दिसंबर को शिरोमणि कमेटी की आंतरिक कमेटी में ही तय हो चुका था व उससे पहले शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक में इसकी रूपरेखा तैयार की गई थी इसलिए कालका द्वारा बाद में बनी कमेटी की एकजुटता के आधार पर पहले से तैयार कार्यक्रम को रद्द करने का तर्क कैसे दिया सकता है? इससे स्पष्ट होता है कि यह केवल बहाना है, इसका मुख्य उद्देश्य कार्यक्रम को तार-तार करना था।

सरदार सरना ने आगे कहा कि हरमीत सिंह कालका बार-बार श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित होने की बात करते हैं। लेकिन वह याद दिलाना चाहते हैं कि इसी हरमीत सिंह कालका ने पिछले साल छोटे साहिबजादों के शहीदी दिवस को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब से जारी आदेश का पालन नहीं किया था जिसमें छोटे साहिबज़ादों के शहीदी दिवस को सरकारी वीर बाल दिवस के रूप में ना मनाने का आदेश जारी किया गया इस संबंध में अकाल तख्त साहिब द्वारा चिट्ठी भी लिखी गई थी लेकिन दिल्ली कमेटी ने शहीदी दिवस को वीर बल दिवस के रूप में मनाया। 

उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों की तौहीन करने वाले व्यक्ति को किसी भी सूरत में कमेटी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। कालका को याद रखना चाहिए कि केवल दिल्ली कमेटी के कारण ही उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा बंदी सिंहों के लिए बनाई गई कमेटी में शामिल किया गया था, मगर कालका ने कौम के साथ गद्दारी की है। इसलिए वह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब से अनुरोध करते हैं कि ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है जो पंथ के साथ गद्दारी करते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

22 वें ऑल इंडिया होम्योपैथिक कांग्रेस का हुआ आयोजन

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक पार्टी सिंधी समाज को भी अपना उम्मीदवार बनाए : अंजलि तुलस्यानी

सेंट पीटर्स कॉन्वेंट विद्यालय ने अपना वार्षिकोत्सव मनाया