लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी, पंजाब ने फ्यूचरिस्टक स्किल ओरिएंटेड प्रोग्राम्स किया शुरू

• ग्लोबल टेक कंपनियों के सहयोग से 

• स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री के लिए तैयार करने वाले स्पेशलाइल्ड कोर्सेज की पेशकश की यूनिवर्सिटी ने

• 100 एकड़ में फेले कैम्पस के साथ ही स्टूडेंट्स के लिए एजुकेशन लोन्स और हॉस्टल की भी शानदार सुविधाएं

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 14 जुलाई 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी पंजाब ने स्टूडेंट्स के लिए ग्लोबल टेक कंपनियों के सहयोग से फ्यूचरिस्टक स्किल ओरिएंटेड प्रोग्राम्स लॉन्च किए हैं। लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी पंजाब ने भारत में अपनी तरह की पहली स्किल यूनिवर्सिटी है, जिसे आईबीएम ने एंकर पार्टनर, टाटा टेक्नोलॉजीज और एनसिस ने इंडस्ट्री पार्टनर के रूप में स्थापित किया है। यूनिवर्सिटी को पंजाब सरकार के राज्य अधिनियम संख्या 22, 2021 के तहत स्थापित किया गया है और और यूजीसी, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त है। एलटीएसयू 100 एकड़ के विशाल परिसर में रोपड़ के पास सतलुज नदी के तट पर शिवालिक रेंज की तलहटी में स्थित है।

लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी का उद्देश्य भारत को स्किल बेस्ड वर्कफोर्स में ग्लोबल लीडर बनाना, ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों के सहयोग से विभिन्न कोर्सेज डिजाइन करना, प्रमुख इंडस्ट्री विशेषज्ञों, प्रेक्टिशनर्स ओर एजुकेशनिस्ट्स द्वारा तय किए गए सिलेबस की रूपरेखा तैयार करना और स्टूडेंट्स का इंडस्ट्री के लिए पूरी तरह से स्किल्ड और तैयार करना है। 

स्किल आधारित सिलेबस में स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पर भी काफी ध्यान दिया जाएगा ताकि वे पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रोफेशनली भी पूरी तरह से तैयार हों। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी पंजाब ने आईबीएम के सहयोग से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बी.टेक, एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ के सहयोग से डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग में स्पेशलाइजेशन के साथ बी.टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अत्याधुनिक जॉब ओरिएंटेड यूनिक स्किलिंग प्रोग्राम्स सफलतापूर्वक शुरू किए हैं। 

इन 4 वर्षीय बी.टेक कोर्सेज की विशिष्टता इस प्रकार हैः प्रोजेक्ट बेस्ट लर्निंग (पीबीएल) और इसका प्रोग्राम स्ट्रक्चर (2.5 वर्ष, 0.5 वर्ष, 1 वर्ष) हैं, जिनके माध्यम से लाइव प्रोजेक्ट्स पर मजबूत जोर, जिसमें स्टूडेंट 2.5 साल कोर और हाई एंड टकनोलॉजीज की स्टडी शामिल है। इसके बाद अगले सेमेस्टर में इंडस्ट्री से लाइव प्रोजेक्ट और एक साल इंडस्ट्री में जॉब के दौरान भी नए स्किल हासिल करने पर जोर दिया जाएगा। एलटीएसयू द्वारा शुरू किए गए अन्य सभी प्रोग्राम्स युवाओं को अपने प्रोफेशनल जुनून को पूरा करने और व्यापक श्रेणी के सभी प्रोग्राम्स में उच्चतम स्तर की एक्सीलेंस और स्टैंडर्ड के साथ ग्लोबल दुनिया में सफलता हासिल करने के लिए सशक्त बनाएंगे।

इस मौके पर लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी, पंजाब के चांसलर डॉ. संदीप सिंह कौरा ने कहा कि इंडस्ट्री-एकेडमिक पार्टनरशिप में इन सहभागिताओं के परिणामस्वरूप एक लर्निंग ईकोसिस्टम का निर्माण होगा जो इंडस्ट्री 4.0 के लिए माननीय प्रधान मंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भारत के युवाओं को वैश्विक स्तर के कौशल को निखारने और उन्हें घरेलू और विदेशी बाजार में रोजगार के योग्य बनाने के लिए एक मंच प्रदान करके विश्व की कौशल राजधानी के रूप में भारत का नेतृत्व करता है। डॉ कौरा ने आगे बताया कि उनका पूरा ध्यान व्यावहारिक आउटपुट और युवाओं के लिए इंडस्ट्री में रोजगार के अधिक से अधिक मौकों पर है।

डॉ. कौरा ने इस बारे में भी जानकारी दी कि न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक वाले मेधावी छात्र आईबीएम प्रोग्राम में शामिल होने के लिए पात्र होंगे, जबकि न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक वाले एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ प्रोग्राम में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि विनम्र पृष्ठभूमि वाले मेधावी लेकिन महत्वाकांक्षी छात्र के लिए फीस कोई बाधा न बनें। हमने छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आसान, जमानत मुक्त फाइनेंस के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ करार किया है। अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। पूरी प्रक्रिया युवाओं को एजेंटों के हाथों भारी भरकम रिर्सोसेज बर्बाद न करने में मदद करने के लिए शुरू की जाएगी। यूनिवर्सिटी इस वर्ष सभी कोर्सेज को मिलाकर छह हजार छात्रों को प्रवेश देने का लक्ष्य बना रहा है। इससे युवा छात्रों को अपने सपनों को पूरा करने और उज्ज्वल करियर के लिए मनपसंद कोर्स चुनने का मौका मिलेगा। इनमें से अधिकांश कोर्सेज रेजीडेंशियल होंगे जिनके लिए यूनिवर्सिटी कैम्पस में एक्सीलेंस हॉस्टल सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

यूनिवर्सिटी की प्रवेश क्षमता के बारे में बताते हुए डॉ. कौरा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के विभिन्न प्रोग्राम्स के तहत 1360 सीटें हैं। सेंटर ऑफ स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग सेंटर (सीओएसटी) के तहत 3500 सीटों की पेशकश की गई है और सेंटर ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (सीओवीटी) के तहत सरकार द्वारा फंडेंड 4000 सीटों की पेशकश की जाती है और लर्न एंड अर्न के तहत 1000 सीटों की भी पेशकश की जा रही है।

एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ के सीईओ, श्री सुप्रियो चौधरी ने इस सहभागिता के बारे में बात करते हुए कहा कि “हम लैमरिन टेक स्किल्स यूनिवर्सिटी (एलटीएसयू) के साथ साझेदारी करके बेहद खुश हैं, क्योंकि इससे एम्पलॉयर से जुड़ी एजाइल-प्रोजेक्ट्स-आधारित इंजीनियरिंग डिग्री प्रदान की जा सके। भारत में अपनी तरह का पहले. इस प्रोग्राम से गुजरने वाले छात्र वास्तविक जीवन की समस्याओं को सुलझाने वाली टीम-आधारित परियोजनाओं में भाग लेंगे और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान काम की दुनिया के लिए तैयारी करने के लिए इंडस्ट्री और विषय विशेषज्ञों के साथ बातचीत करेंगे। अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने के साथ-साथ, छात्र एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ के 5 डिजिटल इकोनॉमी कैपेबिलिटीज (5डीईसी) मॉडल के माध्यम से वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए प्रोफेशनल स्किल्स में महारत हासिल करेंगे।

उन्होंने कहा कि “इसके अलावा, जैसे ही वे एलटीएसयू से अपनी डिग्री हासिल करते हैं, छात्र हमारे ग्लोबल स्टेªजिक पार्टनर, फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया द्वारा समर्थित विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त एक्सपीरियंटल माइक्रो-क्रेडेंशियल्स (एक्सपीएमसी) हासिल करेंगे। एलटीएसयू के साथ मिलकर, हम ऐसे प्रोफेशनल्स को तैयार करेंगे जिनके स्किल्स स्थानीय नौकरी बाजारों के लिए प्रासंगिक हैं लेकिन ग्लोबल बिजनेस लीडर बनने के लिए समान रूप से सुसज्जित हैं।

श्री संजीव मेहता, एडवाइजर और हेड, प्रोग्राम डेवलपमेंट आईबीएम, जो आईबीएम द्वारा न्यू एज इंडस्ट्री केंद्रित कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, ने जोर देकर कहा कि किसी भी भारतीय यूनिवर्सिटी ने पहले इंडस्ट्री विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित करने के लिए उद्योग द्वारा बनाए गए विश्व स्तरीय स्किल प्रोग्राम्स की पेशकश नहीं की थी। प्रोग्राम की सबसे खास बात और अलग फीचर नई उभरती टेक्नोलॉजीज की सर्वाेत्तम समझ पर उनका जोर है। कोर्स की अवधि के दौरान आईबीएम इंडस्ट्री प्रोफेशनल वर्कशॉप्स और लैब सेशंस का नेतृत्व करेंगे। भारत ही नहीं दुनिया भर में सबसे अधिक मांग वाले कौशल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई और एमएल), डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) हैं। 2027 तक पूरी दुनिया में इन हाई-एंड प्रौद्योगिकियों में 15 लाख नौकरियों की मांग आने का अनुमान है।

एलटीएसयू के रजिस्ट्रार प्रो. बी.एस. सत्याल ने एनएसडीसी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ एलटीएसयू के सहयोग के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आगे कहा कि आईबीएम के बी.टेक सीएसई के हजारों स्टूडेंट्स भारत के 27 राज्यों से आईबीएम द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के लिए पहले ही आवेदन कर चुके हैं। 15 से अधिक राज्यों से 300 से अधिक चयनित उम्मीदवारों ने कैम्पस का दौरा किया है और बिना किसी कोलेट्रल गारंटी के 4-5 घंटे की प्रक्रिया के भीतर एडमिशन लेटर और लोन मंजूर करवा कर दाखिला लिया है। मेधावी उम्मीदवारों को केवल प्रोग्राम के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है, उसके बाद उन्हें आईबीएम द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है और योग्यता के आधार पर उन्हें स्पेशलाइजेशन प्रोग्राम के साथ बी.टेक सीएसई में प्रवेश की पेशकश की जाती है। इसी तरह, हम बीटेक मैकेनिकल में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए कैम्पस में समान दृष्टिकोण लागू करते हैं, जो रोजगार के साथ डिजाइन और विनिर्माण में विशेषज्ञता रखते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

22 वें ऑल इंडिया होम्योपैथिक कांग्रेस का हुआ आयोजन

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक पार्टी सिंधी समाज को भी अपना उम्मीदवार बनाए : अंजलि तुलस्यानी

सेंट पीटर्स कॉन्वेंट विद्यालय ने अपना वार्षिकोत्सव मनाया