23%पुरुष और 24 % महिलाएं ओवरवेट का शिकार : नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे
◆ प्रिस्टीन केयर ने वेट-लॉस और मेटाबोलिक हैल्थ मैनेजमेंट के क्षेत्र में प्रवेश किया; एल्योरियन के साथ गठबंधन किया
◆ सर्जरी, एंडोस्कोपी या एनेस्थेसिया’ के बिना ही एक नया व क्रांतिकारी, नॉन-इन्वेज़िव वेट लॉस प्रोग्राम।
◆ इस प्रक्रिया द्वारा मरीज 16 हफ्तों में अपना 10 से 15 प्रतिशत वजन कम कर सकेंगे।
◆ प्रिस्टीन केयर दिसंबर 2023 तक 1000 से ज्यादा मरीजों का इलाज करेगा।
शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 3 मार्च 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे (2022) के मुताबिक, 23 प्रतिशत पुरुष और 24 प्रतिशत महिलाएं ओवरवेट (25 या उससे ज्यादा बॉडी मास इंडैक्स) का शिकार हैं, जो पिछले पाँच सालों में 4 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करता है। भारत में मोटापे की समस्या से लड़ने के लिए अग्रणी हैल्थकेयर सर्विस प्रदाता, प्रिस्टीन केयर ने एल्योरियन टेक्नॉलॉजीज़ के साथ सामरिक साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत यह एक समग्र वेटलॉस एवं ओबेसिटी केयर प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। एल्योरियन ने दुनिया का पहला और एकमात्र प्रोसीज़रलेस निगलने वाला गैस्ट्रिक बैलून विकसित किया है। इस साझेदारी के साथ प्रिस्टीन केयर 6 मेट्रो शहरों - दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और पुणे में अपनी सेवाएं शुरू करेगा, जहाँ इसके लगभग 100 क्लिनिक और 400 अस्पतालों के साथ गठबंधन हैं। वर्तमान में इन शहरों में कम से कम 20 डॉक्टरों को एल्योरियन द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है। साल के अंत तक प्रिस्टीन केयर वजन घटाने के लिए 1000 से ज्यादा मरीजों का इलाज करने की योजना बना रहा है।
मरीज को ओपीडी में आकर एक वीगन कैप्सूल निगलना होता है, जिसमें एक गैस्ट्रिक बैलून होता है। इस बैलून के पेट में पहुँचने पर एक कैथरर द्वारा बैलून को फुलाया जाता है, और उसमें 550 मिली. लिक्विड भरा जाता है। इस प्रक्रिया में सर्जरी, एंडोस्कोपी या एनेस्थेसिया की कोई जरूरत नहीं पड़ती’। बैलून को सही स्थिति में रखने के लिए केवल एक्स-रे का इस्तेमाल होता है। ग्रेपफ्रूट या चकोतरे के आकार का यह बैलून सही स्थिति में पहुँच जाने के बाद व्यक्ति के पेट में एक हिस्से को घेर लेता है,जिससे पेट के भरे होने का अहसास होता है, और वह खाना कम कर देता है। इस बैलून से भूख लगना कम हो जाती है, और लगभग 16 हफ्तों में यह खुदबखुद पिचककर शरीर से प्राकृतिक रूप से बाहर निकल जाता है।
इस गठबंधन के बारे में डॉ. वैभव कपूर, को-फाउंडर, प्रिस्टीन केयर ने कहा, ‘‘हमें एल्योरियन को अपना सामरिक साझेदार बनाने की खुशी है। इस एक्सक्लुसिव टाईअप द्वारा हमें देश में वजन घटाने के लिए यह नई इनोवेटिव टेक्नॉलॉजी पेश करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में देश में हर साल लगभग 25,000 बैरियाट्रिक सर्जरी की जा रही हैं, और यह बैरियाट्रिक सर्जरी का एकमात्र मेडिकल विकल्प है। यह वजन घटाने के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है और सीई द्वारा अनुमोदित है। यह सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाईज़ेशन द्वारा भी अनुमोदित है। हमारे साथ डायटिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, और फिटनेस एक्सपर्ट भी आए हैं, जो मरीजों को अपने शरीर को बेहतर जीवनशैली और स्वस्थ वजन के लिए ढालने में मदद करेंगे। प्रिस्टीन एल्योरियन प्रोग्राम एक वर्चुअल केयर सूट के साथ आता है, जिसमें एक एल्योरियन मोबाईल ऐप, कनेक्टेड स्केल, और हैल्थ ट्रैकर को सिंगल ‘‘डिजिटल अम्ब्रेला’’ में समाहित किया गया है, ताकि मरीज को केयर टीम द्वारा दूर से ही मॉनिटरिंग, टेलीहैल्थ और सुरक्षित मैसेजिंग मिल सके। यह सॉफ्टवेयर प्रोग्राम आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस और मशीन लर्निंग द्वारा पॉवर्ड है ताकि केयर टीमें अपने मरीजों और उनके डेटा के साथ इंटरैक्ट कर सकें।
डॉ. शांतनु गौर, फाउंडर एवं सीईओ, एल्योरियन ने कहा भारतीय मूल का होने के कारण भारत एल्योरियन के लिए एक विशेष बाजार है। भारत में मोटापे और डायबिटीज़ को खत्म करने के लिए हमारी क्रांतिकारी टेक्नॉलॉजी लेकर आना मेरा व्यक्तिगत मिशन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे शादी से पहले वजन कम करना हो, व्यस्त या तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण बढ़ा वजन कम करना हो, हाल ही में स्वास्थ्य समस्या के कारण वजन बढ़ गया हो, फर्टिलिटी के लिए वजन कम करना हो, या फिर कोई ऑपरेशन कराने से पहले वजन कम करना हो, एल्योरियन प्रोग्राम भारत में लाखों लोगों की हर जरूरत का समाधान लेकर आया है। एल्योरियन प्रोग्राम में शामिल होने के लिए मरीज का बीएमआई कम से कम 27 और उसकी उम्र 18 साल होनी चाहिए। किसी व्यक्ति के लिए एल्योरियन प्रोग्राम उपयुक्त है या नहीं, यह जानने के लिए एल्योरियन सर्टिफाईड डॉक्टरों द्वारा पहले उसके विस्तृत मेडिकल इतिहास का अध्ययन किया जाता है।
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