रॉकवेल ऑटोमेशन ने भारत की डिजिटल ताकत को पहचाना
◆ स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग की अपनी आकांक्षा को बढ़ावा दिया
शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 30 अगस्त 2022, नई दिल्ली। रॉकवेल ऑटोमेशन, इंक (NYSE: ROK) ने गुरुग्राम में अपने इंडिया इंक ऑन द मूव (आईआईओटीएम) कार्यक्रम के तीसरे संस्करण का सफलतापूर्वक समापन किया है। रॉकवेल ऑटोमेशन इंक, औद्योगिक स्वचालन और डिजिटल परिवर्तन के लिए समर्पित दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। यह कार्यक्रम नीति निर्माताओं, व्यापार और तकनीकी विशेषज्ञों को इस बात पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच पर साथ लेकर आया, कि भारत कैसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए एक स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का निर्माण कर सकता है। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल ने कहा, "आज से 25 साल बाद भारत के अग्रणी बने रहने के लिए एकमात्र रास्ता यह है कि देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर स्मार्ट तरीकों को अपनाए। पिछले चार दशकों में भारत ने आईटी, मैन्युफैक्चरिंग उद्योग और तकनीकी क्षेत्र में मजबूत पैठ बनाई है और यह इंडस्ट्री 4.0 के लिए प्रमुख घटक बना रहेगा। जब हम क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली तकनीकों के बारे में बात करते हैं तो हमें वैश्विक मानकों से मेल खाने के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले विनिर्माण को विकसित करने और इसे विश्व स्तर पर लागत-प्रतिस्पर्धी बनाने की आवश्यकता होती है ताकि निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सके। इसलिए, हम उद्योग को स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से उन्नत मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हुए इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस कार्यक्रम में, रॉकवेल ऑटोमेशन एशिया पैसिफिक के प्रेसिडेंट स्कॉट वूल्ड्रिज ने कहा: “पिछले एक दशक के दौरान टेक्नोलॉजी ने भारत के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विनिर्माण उद्योग के भीतर डिजिटल तकनीकों को अपनाए जाने की प्रक्रिया में तेजी लाकर भारत के पास एक आत्मनिर्भर राष्ट्र और एक वैश्विक स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में उभरने का अवसर है। आईआईओटीएम में 500 से अधिक लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और दुनिया भर के करीब 3,000 से अधिक लोग इस कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए। इस वर्ष के आयोजन की मुख्य बातचीत में उत्पादन से जुड़ी चुनौतियों का समाधान प्रदान करना, आत्मनिर्भरता के लिए एक रुपरेखा बनाना, क्लाउड समर्थित मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल ट्विन्स और सिमुलेशन जैसे नई तकनीकी, परिचालन दक्षता बढ़ाना और मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को भविष्य में सुरक्षित करने के लिए प्रभावी रणनीति प्रदान करना शामिल था।
रॉकवेल ऑटोमेशन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप साहनी ने कहा, "कंपनियां आज तेजी से विकसित हो रहे बाजारों, बाजारों में हो रही हलचलों और आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों के रूप में कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, कंपनियों को अधिक चुस्त, अधिक लचीला बनने और प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करने के लिए डिजिटलीकरण करने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा, "ऐसे में जो संगठन डिजिटल परिवर्तन को नई तकनीकों से प्राप्त करने और चीजों को ठीक करने की बजाए व्यवसाय करने के विभिन्न तरीकों की संभावनाएं तलाशने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वे विजेता बनकर उभरेंगे। डिजिटल परिवर्तन एक बेहतरीन प्रतिबद्धता है, इसलिए कंपनियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सही प्रौद्योगिकी भागीदारों का चयन करें, जो उनकी योजना को लागू करने, जोखिमों को कम करने और सफलता की रुपरेखा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
पिछले चार दशकों में, रॉकवेल ऑटोमेशन भारत के मैन्युफैक्चरिंग मुहिम में सक्रिय भागीदार रहा है। आज, कंपनी उद्यमों के डिजिटलीकरण में सबसे आगे है और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास को प्रचारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कंपनी भारत के आर्थिक विकास को लेकर प्रतिबद्ध है और रॉकवेल ऑटोमेशन के वैश्विक सॉफ्टवेयर और नियंत्रण उत्पादन संचालन प्रबंधन कार्यबल का लगभग एक तिहाई भारत में स्थित है। कंपनी वैश्विक आरएंडडी (शोध और विकास) क्षमता और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग सॉफ्टवेयर विकास पर ध्यान केंद्रित करती है ताकि स्थानीय और वैश्विक दोनों ग्राहकों को उनकी डिजिटल परिवर्तन यात्रा में मदद मुहैया कराई जा सके।
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