एनईपी 2020 के मानक पर खरा भारत का पहला लॉ स्कूल

◆ आईआईएलएम लॉ स्कूल, आईआईएलएम यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा

शब्दवाणी समाचार, बुधवार 31 अगस्त 2022, ग्रेटर नोएडा। आईआईएलएम यूनिवर्सिटी के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के मानकों पर खरा देश का पहला लॉ स्कूल शुरू कर देश में कानून की शिक्षा का स्तर ऊंचा करना बहुत गर्व की बात है। उत्तर प्रदेश सरकार और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की मंजूरी मिलने के बाद आईआईएलएम यूनिवर्सिटी ने इस बड़ी सफलता की घोषणा की है। आईआईएलएम लॉ स्कूल का इन्फ्रास्ट्रक्चर अत्याधुनिक है। इसके विशाल ट्विन ब्लॉक के चारों ओर हरियाली है। कैंपस आकर्षक और परिवेश विद्यार्थियों के अनुकूल है। इसके विशेष आकर्षणों में एक इसका इनक्यूबेशन सेंटर है, जिसका उद्देश्य कानून के विद्यार्थियों में वकालत का कौशल निखारने के साथ उन्हें कानून की लड़ाई में दक्ष बनाना और होनहार न्यायाधीश बनने के लिए तैयार करना है। यह सिविल सेवा में जाने, भारतीय सेना में जज एडवोकेट जनरल (जेएजी), कॉर्पाेरेट वकील और किसी संस्थान का काउंसेल बनने के इच्छुक विद्यार्थियों के पढ़ने की बेहतरीन जगह है।

आईआईएलएम यूनिवर्सिटी में विभिन्न विषयों को जोड़ कर शिक्षण और प्रशिक्षण देने की तकनीक है जो एनईपी 2020 के मानकों के अनुरूप है। एनईपी 2020 ने लॉ स्कूलों को विभिन्न व्यावहारिक पहल करते हुए नियोजित अनुभव आधारित ज्ञान प्रदान करने का लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया है। देश के भावी दिग्गज वकील और लोक सेवक तैयार करने के लिए संस्थान ने शिक्षा का बेहतरीन परिवेश बनाया है। इसमें अच्छी तरह डिजाइन किए गए मूट कोर्ट रूम, ई-कॉन्फ्रेंस और सेमिनार हॉल, मॉक-ट्रॉयल केंद्र, परामर्श कक्ष और मेडिएशन और आर्बिट्रेशन अभ्यास केंद्र हैं। भारत के संविधान, कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 और भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के विभिन्न निर्देशों के अनुरूप एक सक्रिय कानूनी सहायता और सलाह केंद्र है। छात्रों के लिए डबल ऑर्बिट लाइब्रेरी और केंद्रीय सूचना केंद्र (दोनों ऑटोमेटेड हैं ताकि इनका कहीं से भी उपयोग किया जा सके) समेत संस्थान का अपना एक आईटी पार्क भी है।

स्कूल के मेंटरों की सूची में माननीय न्यायमूर्ति श्री मदन बी लोकुर, पूर्व न्यायाधीश, भारतीय सर्वाेच्च न्यायालय, माननीय न्यायमूर्ति श्री मनमोहन सरीन, पूर्व न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय और प्रो रणबीर सिंह, पूर्व वाइसचांसलर, नालसर, हैदराबाद और एनएलयू, दिल्ली जैसे नाम शामिल हैं। इसके कोर्स सामाजिक और तकनीकी रूप से बेहतरीन श्लीगल ईगलश् ब्रांड तैयार करने के अनुरूप हैं जो सामान्य न्यायशास्त्र के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबरनेटिक्स, रोबोटिक्स और डिजिटल अर्थशास्त्र से जुड़े कानूनों में कुशलता प्राप्त कर कानून व्यवस्था और समाज की बेहतर सेवा करें।

इसकी दूरदृष्टि कानून की शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए पूरी दुनिया में मान्य और सबका पसंदीदा संस्थान के रूप में उभर कर श्वैश्विक, समावेशी और जिम्मेदारश् यूनिवर्सिटी बनने का अपना मिशन पूरा करना है। संस्थान का एक ओपन-एयर कैम्पस है जिसके अंदर प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और मानविकी के फैकल्टी क्षेत्र में एक मनोहर सेंटिनेल भवन है, इसलिए विभिन्न विषयों का परस्पर अध्ययन और संवाद अत्यंत आसान और सुविधाजनक होता है। छात्रों का मार्गदर्शन मुख्य् रूप से श्समस्या-समाधान आधारित केस स्टडीश् से किया जाता है। साथ ही, ग्रुप डिस्कशन, एक्सपर्ट से संवाद और फिर प्रोफेशनल और प्रशिक्षित फैकल्टी के लेक्चर होते हैं, जिनमें उद्योग प्रमुखों का सहयोग रहता है। इससे छात्रों की नींव मजबूत होती है। इसकी मुख्यस मूल्यांकन नीति श्क्रेडिट आधारित विकल्प प्रणालीश् है। छात्रों को पढ़ाई के लिए विषय का स्वयं चयन और स्वयं निरीक्षण करने का व्यापक अवसर मिलता है, जिससे उन्हें अपने करियर को आकार देने में सहायता मिलती है। 5 साल के पाठ्यक्रम के दौरान, आईआईएलएम लॉ स्कूल के छात्रों के लिए गैर सरकारी संगठनों, कानून की संस्थाओं, सर्वाेच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों, जिला न्यायालयों और कॉर्पाेरेट घरानों के साथ इंटर्नशिप करना अनिवार्य है। इसके सर्वाेत्तम प्रयासों में सामाजिक भागीदारी के जरिए समाज से संपर्क और मूट कोर्ट के माध्यम से प्रोफेशनल संबंध, मॉक ट्रायल का संचालन व न्यायालय के नियमित दौरे मुख्यू हैं, जो छात्रों की उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करते हैं। छात्रों को आत्मविश्वासी और देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने के ध्येय से उन्हें वास्तविक चुनौतियों से अवगत कराने के लिए सुशासन समेत विभिन्न परियोजनाओं पर शिक्षण और शोध के संस्थागत आदान-प्रदान व सहयोगी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देशों और अन्य कॉमन लॉ देशों में प्रोफेशनल वकीलों के रूप में कार्य करने हेतु छात्रों को अंतरराष्ट्रीय कानूनी परिवेश के लिए तैयार करने के अतिरिक्त विविध संवादात्मक क्षमताओं के विकास में उनकी सहायता करने हेतु यह अपनी भाषा प्रयोगशाला का उपयोग करता है।

इसका एकमात्र लक्ष्य श्श्एक मजबूत विधायी, कार्यकारी, न्याययिक प्रणाली और कॉर्पाेरेट व सामाजिक क्षेत्रों के अनुरूप कुशल कानून व्यवसायी तैयार करना है, ताकि वे भारत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।श्श्इ सके बीए एलएलबी, एलएलएम और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए नामांकन जारी है। बीए एलएलबी (पंच वर्षीय समेकित पाठ्यक्रम) का शुल्क प्रति वर्ष 1.5 लाख है। संस्थान छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है। कार्यक्रम विशेष रूप से भारत के विधि आयोग के एक पूर्व सदस्य और दिल्ली व देश भर में विभिन्न विश्वविद्याल और कानूनी सहायता समितियों के सदस्य व अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) एम. अफज़ल वानी के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। एक बहुमुखी विद्वान, शिक्षाविद और प्रशासक प्रो. एम. अफज़ल वानी समग्र रूप से विधिक समाज व विशेष रूप से विधि शिक्षक समुदाय के एक दूरद्रष्टा और मार्गदर्शक हैं, जिन्हें ऑक्सफर्ड, स्टैनफर्ड, कुआलालंपुर, इस्तांबुल, जकार्ता, काठमांडू, ढाका और बैंकॉक समेत विश्वविख्यासत शैक्षिक संस्थानों में भाग लेने और शोधपत्र प्रस्तुत करने का अनुभव प्राप्त है। राष्ट्र निर्माण, कानून सुधार कार्यों और शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों, छात्रों व पेशेवरों के विकास के लिए 30 से अधिक वर्षों तक कार्य कर चुके प्रो. वानी का लक्ष्य ऊपर वर्णित विशेषताओं के अनुरूप आईआईएलएम लॉ स्कूल, ग्रेटर नोएडा में कानून के नए पाठ्यक्रम तैयार करते हुए अपने अनुभव को और समृद्ध करना है।

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