रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम से होगी मां और बच्चे की पोषण
◆ जीवन बचाने के लिए एक साथ
शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 31 मई 2022, नई दिल्ली। डेटॉल बनेगा स्वस्थ भारत की पोषण पहल के दो वर्षों के सफलतापूर्वक पूरा होने बाद, रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम ने समाज पर काफी सकारात्मक असर डाला है। इस योजना का लक्ष्य अमरावती और नंदुरबार जिलों में कुपोषण के कारण होने वाली बच्चों की मौत को शून्य पर लाना है और हजारों लोगों की जान बचाना है। लगातार किए जा रहे प्रयासों और जमीनी स्तर पर किए जा रहे कार्यों के माध्यम से, यह कार्यक्रम आज पांच साल से कम उम्र के हजारों बच्चों की मदद कर रहा है।
इस काम में मदद के लिए कम्युनिटी न्यूट्रिशन वर्कर्स के नाम से फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं का एक कैडर तैयार किया है रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम स्थानीय स्तर पर पहल के माध्यम से 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पर्याप्त पोषण को प्राथमिकता देता है। इस पूरी प्रक्रिया में कम्युनिटी न्यूट्रिशन वर्कर सूचना और सेवाओं के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। कार्यक्रम ने पिछले दो वर्षों में अमरावती और नंदुरबार जिलों के परिवारों पर बड़ा प्रभाव डाला है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के अन्य पिछड़े जिलों में भी अपने प्रयासों को विस्तार देना है, जिससे नई माताओं को भी इसका लाभ मिल सके।
विश्व पोषण दिवस पर बोलते हुए, श्री रवि भटनागर, डायरेक्टर, एक्सटर्नल अफेयर्स एवं पार्टनरशिप, SOA, रेकिट, ने कहा, "रेकिट में हमारे उद्देश्य के केंद्र में अच्छा स्वास्थ्य और भलाई रहती है, और अपनी पहल के माध्यम से, हम सुरक्षा, उपचार और एक स्वच्छ एवं स्वस्थ दुनिया के लिए काम करते हैं। हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नंदुरबार और अमरावती में 'रीच ईच चाइल्ड' कार्यक्रम के तहत हमारे पायलट प्रयास ने बच्चों में कुपोषण से होने वाली मौतों की शून्य स्थिति प्राप्त करने में मदद की है और अस्पताल में प्रसव चुनने वाली महिलाओं के अनुपात में 26 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। रीच ईच चाइल्ड के साथ हमारा उद्देश्य 2024 तक 1 करोड़ नई माताओं के जीवन में बदलाव लाना है।
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