एनसीपीईडीपी ने मिसिंग मिलियंस कैम्पेन किया लॉन्च
◆ इंटरनेशनल डे ऑफ पर्सन्स विद डिसैबिलिटीज पर
शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 7 दिसंबर 2021, नई दिल्ली।नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसैबल्ड पीपल (एनसीपीईडीपी) ने 3 दिसंबर को इंटरनेशनल डे ऑफ पर्सन्स विद डिसैबिलिटीज के अवसर पर मिसिंग मिलियंस कैम्पेन लॉन्च किया है। इस कैम्पेन का लक्ष्य मुख्यधारा से कटे लाखों दिव्यांगजनों की आवाज को बुलंद करना है, ताकि जीवन के सभी क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भागीदारी हो सके। यह आयोजन कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में 3 दिसंबर की शाम को हुआ था। कार्यक्रम की शुरूआत यूनेस्को, नई दिल्ली के डायरेक्टर श्री एरिक फाल्ट के वीडियो संदेश से हुई, जिसमें उन्होंने एनसीपीईडीपी को ‘मिसिंग मिलियंस’ कैम्पेन की शुरूआत करने के लिये बधाई दी।
श्री एरिक फाल्ट ने इंटरनेशनल डे ऑफ पर्सन्स विद डिसैबिलिटीज की याद दिलाते हुए दिव्यांगजनों को कोविड 19 के रिकवरी प्लांस में शामिल करने की जरूरत पर भी जोर दिया, खासकर शिक्षा के मामले में, जो जीवनभर पढ़ाई के लिये यूएन की प्रतिबद्धता के अनुसार है। उन्होंने कहा पहुँच और गुणवत्ता, दोनों के संदर्भ में समावेशी शिक्षा हमारी राष्ट्रीय और वैश्विक शिक्षा की प्राथमिकताओं का केन्द्र होनी चाहिये।" दिव्यांगजनों की शिक्षा को सहयोग में यूनेस्को की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने आगे कहा, "पढ़ने वाले दिव्यांगों के लिये शिक्षा का अधिकार यह सुनिश्चित करने के लिये हमारा आरंभ बिन्दु होना चाहिये कि पढ़ाई कभी न रूके। पढ़ने वाला हर व्यक्ति मायने रखता है और बराबरी से मायने रखता है और समावेश का यही आशय है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय श्री जस्टिस श्रीपति रविन्द्र भट्ट ने ‘जिसकी गिनती नहीं होती है, उसे गिना भी नहीं जाता है!’ पर जोर देते एक वीडियो के साथ कैम्पेन को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता पर सटीक डाटा न होने के कारण कैसे दिव्यांगजन मुख्यधारा से बाहर हुए हैं। इस पर अपनी जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि सामान्य लोग दिव्यांगजनों की जरूरतों पर नीतियों के निर्माण के समय उन्हें प्रमुख साझीदार मानकर उनके साथ टेबल को साझा करें।" इस लॉन्च के बाद दिव्यांगजनों की चुनौतियों और आगे के मार्ग पर दो पैनल चर्चाएं हुई, जिनमें प्रभावशाली वक्ताओं से भाग लिया, जैसे पद्मश्री जावेद अहमद टाक, यूनेस्को नई दिल्ली में एज्युकेशन यूनिट की चीफ जॉयस पोन, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में एसेसेबिलिटी एंड स्ट्रैटेजिक इनिशियेटिव्स की लीड करिश्मा छाबड़ा, स्किल काउंसिल फॉर पर्सन्स विथ डिसैबिलिटी के सीईओ रविन्द्र सिंह और बैरियर ब्रेक की सीईओ शिल्पी कपूर। सुश्री जॉयस पोन ने दिव्यांगजनों के प्रति सोच में बदलाव पर जोर दिया, ताकि नीतियाँ सही काम कर सकें।
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