महर्षि वाल्मीकि जयन्ती ऑनलाइन सम्पन्न
◆ सामाजिक समरसता के सूत्रधार थे महर्षि वाल्मीकि : आर्य रविदेव गुप्ता
◆ बाल्मीकि रामायण ने श्रीराम को अमर बना दिया : राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
शब्दवाणी समाचार, वीरवार 21 अक्टूबर 2021, (ऐ के लाल) गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महर्षि वाल्मीकि जयन्ती का ऑनलाइन समारोह आयोजित किया गया। यह कोरोना काल में परिषद का 300 वां वेबिनार था। वैदिक विद्वान आर्य रविदेव गुप्ता ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि सामाजिक समरसता के सूत्रधार थे।महर्षि वाल्मीकि के श्रीराम किसी को भी छोटा बड़ा नहीं मानते थे,उन्होंने निषाद,भील, कौल,किरात,बहेलिया,जंगली जातियों को गले लगाया।उन्होंने उच्चतम आदर्श समाज में स्थापित किये।रामायण आदि कालीन सभ्यता का दिग्दर्शन, संस्कार का परिचायक है लेखक जिस समय लिखता है उस समय के काल संस्कृतियों का प्रभाव उसमें दिखाई देता है।भील कुल में जन्म लेकर रत्नाकर बने और साधना तपस्या के बल पर महर्षि वाल्मीकि कहलाये और करुणा, मैत्री,विषाद,मुदिता के रस उड़ेल दिए।आज भी सभी के लिए महर्षि वाल्मीकि आदर्श व अनुकरणीय है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखकर श्रीराम को अमरता प्रदान की ओर घर घर तक पंहुचा दिया।आज भी रामराज्य की कल्पना सबको सुहानी लगती है यानी एक आदर्श राजा,राज्य और जनता।बाल्मीकि जयंती पर आज समाज को ऊंच नीच,जात पात से ऊपर उठकर एक सूत्र में जोड़ने की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि डॉ. सुषमा आर्या ने राजनीतिक दल समाज को जाति पाती में वोटों के कारण बांटती है जो ठीक नहीं है। अध्यक्ष डॉ. आर के आर्य (निदेशक,स्वदेशी आयुर्वेद, हरिद्वार ) ने कहा कि परिषद समाज में ज्ञान व जागरूकता लाने का सराहनीय कार्य कर रही है वह प्रशसनीय है। प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के पहले कवि थे और लव कुश को माता सीता ने बाल्मीकि आश्रम में ही जन्म दिया था।
गायिका प्रतिभा खुराना,प्रवीन आर्या,रजनी गर्ग,रजनी चुघ, कुसुम भंडारी,प्रवीना ठक्कर, रेखा गौतम,रविन्द्र गुप्ता,मृदुला अग्रवाल,सुमित्रा गुप्ता,संध्या पाण्डेय,मधु खेड़ा,जनक अरोड़ा, कमलेश चांदना आदि के मधुर गीत हुए। प्रमुख रूप से ओम सपरा, राजेश मेहंदीरत्ता,आस्था आर्या,आर पी सूरी,कर्नल विपिन खेड़ा, प्रतिभा कटारिया आदि उपस्थित थे।
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