भारत में सोने के निवेश के पांच तरीके


शब्दवाणी समाचार, शनिवार 22 अगस्त 2020, नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों को बाधित करने वाली कोविड-19 महामारी के साथ वैश्विक उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है।  इसके बाद अधिकांश असेट क्लास से रिटर्न कम हो गया है। बाजार के परिदृश्य से चिंतित निवेशक सोने की ओर रुख कर रहे हैं, जो हमेशा संकट के समय में स्थिर मूल्य के भंडार के रूप में उभरता है जब अन्य अस्थिर होते हैं।
गोल्ड में निवेश क्यों करना चाहिए?
सोने में वह सभी गुण हैं जो एक पारंपरिक निवेशक एक असेट क्लास में देखता है। य़े हैं:
रिटर्न: सोने के बाजार ने कई बार सोने की कीमतों में गिरावट देखी है, लेकिन यह हमेशा मजबूती के साथ वापसी करता है, यहां तक कि कुछ समय तो आउटपरफॉर्मिंग बॉन्ड और शेयरों को भी पीछे छोड़ देता है।
लिक्विडिटी: सोने की संपत्ति के कुछ प्रकारों को कोई भी आसानी से उन्हें नकदी में बदल सकता है।
सह-संबंध की कमी: सोना स्टॉक और बॉन्ड जैसे अन्य असेट क्लास से अलग प्रदर्शन करने के लिए जाना जाता है। जब वे नीचे जाते हैं, तो सोना ऊपर जा सकता है।
अन्य असेट्स से कम सह-संबंध होने के कारण सोना एक उत्कृष्ट पोर्टफोलियो डाइवर्सिफायर के रूप में कार्य करता है, जो बाजार की प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान घाटा कम करता है। सोने का मूल्य भी महंगाई को मात देने के इसके गुणों में निहित है। आर्थिक मंदी के समय सरकारें असीमित धन छापने की अपनी शक्ति को बढ़ाती हैं। यदि अर्थव्यवस्था में अत्यधिक पैसा है, तो मुद्रास्फीति होती है, जिससे लोगों की जेब और संपत्ति में पैसे का मूल्य कम हो जाता है। वहीं, उस अवधि में सोने की कीमत बढ़ जाती है। यदि आपने सोने में निवेश करने के बारे में अपना मन बना लिया है, तो यहां पांच तरीके दिए गए हैं:
भौतिक सोने में निवेश
सोने के सिक्के, बार और गहने के रूप में भौतिक रूप से सोना खरीद सकते हैं। हालांकि, भारतीयों को सोने के गहने पसंद हैं, लेकिन खरीदारी से पहले जिन चीजों पर ध्यान देना चाहिए, वे हैं सुरक्षा, बीमा लागत और पुराने डिजाइन। मेकिंग चार्जेस, जो भारत में सोने की लागत का 6% से 25% तक है। दूसरी ओर, सोने के सिक्के, ज्वैलर्स, ई-कॉमर्स वेबसाइट्स, गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों और सरकार से खरीदे जा सकते हैं। भारत सरकार ने स्वदेशी मिंटेड कॉइन लॉन्च किए हैं, जिसमें एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी तरफ महात्मा गांधी की छवि को उकेरा गया है।



ईटीएफ में निवेश (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स)
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ खरीदना है। चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है।
जीएपी (गोल्ड एक्यूमुलेशन प्लान) में निवेश
स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोल्ड रश प्लान के तहत मोबाइल वॉलेट्स जैसे गूगल पे, पेटीएम, फोनपे के जरिए भी सोना ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। ‘डिजिटल गोल्ड’ खरीदने के ये विकल्प या तो एमएमटीसी-पीएएमपी या सेफगोल्ड या दोनों के सहयोग से दिए जाते हैं। डिजिटल गोल्ड को भौतिक सोने के रूप में भुनाया जा सकता है या विक्रेता को फिर से बेचा जा सकता है।
एसजीबी (सोवरिन गोल्ड बॉन्ड्स) में निवेश
यह कागज के सोने में निवेश का दूसरा तरीका है। सरकार एसजीबी जारी करती है, जो हर कुछ महीनों में खोले गए अंतराल के दौरान खरीदने के लिए उपलब्ध होते हैं और ये रीडम्प्शन पर टैक्स-फ्री हैं। चूंकि, मैच्योरिटी पीरियड है, ये लॉन्ग-टर्म निवेश योजनाओं के लिए आदर्श हैं। भारत सरकार ने 5 नवंबर 2015 को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम शुरू की है ताकि जनता को बैंक लॉकर्स में बेकार पड़े सोने पर  ब्याज के तौर पर कमाई करने का रास्ता मिल सके।
गोल्ड फ्यूचर्स में निवेश
गोल्ड फ्यूचर्स में निवेश वास्तव में सोने की कीमत पर अनुमान लगाता है और मूल्य अस्थिरता से लाभ कमाना है। अगर सोना अपेक्षित दिशा में आगे बढ़ता है तो फ्यूचर्स मार्केट में कोई बहुत जल्दी पैसा कमा सकता है। लेकिन, यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे बहुत कम समय में पैसा गंवा भी सकते हैं।
सोना किसी के निवेश की सेफ्टी, लिक्विडिटी और लाभ सुनिश्चित करता है। कोविड-19 के बीच वैश्विक उत्पादन वृद्धि में मंदी के कारण अनिश्चितता बढ़ रही है। अन्य असेट क्लास में निवेशकों के विश्वास की कमी है। यह देखना मुश्किल नहीं है कि लोग कुछ और नहीं खरीद रहे बल्कि गोल्ड बग होते जा रहे हैं।



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