बायर का भारत में टिड्डी नियंत्रण अभियान में सहयोग
शब्दवाणी समाचार, शनिवार 08 अगस्त 2020, मुंबई। भारत तीन दशकों में रेगिस्तानी टिड्डियों के सबसे गंभीर आक्रमण का सामना कर रहा है। उत्तरी और पश्चिमी भारत में स्थित कई राज्यों पर इसका खतरा बहुत ज्यादा है। यदि टिड्डियों के झुंडों को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो वे तेजी से फसलों वाली भूमि में जा सकते हैं और खड़ी खाद्य फसलों को नष्ट कर सकते हैं। प्लांट प्रोटेक्शन क्वारंटाइन एंड स्टोरेज (DPPQ&S) निदेशालय के तहत भारत सरकार छोटे किसानों की फसलों के नुकसान को कम करने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चिज करने और टिड्डियों के आक्रमण व प्रसार को रोकने के लिए कई उपाय कर रही है।
टिड्डी दल मीलों तक फैले हुए हो सकते हैं | यह दल विशाल एवं आक्रामक होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार के टिड्डी नियंत्रण अभियान में प्रभावी उत्पादों और फॉर्मूलेशंस, नए वाहनों, अल्ट्रा लो वॉल्यूम (ULV) स्प्रेयर, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग शामिल है। चूंकि रासायनिक नियंत्रण के उपाय टिड्डी प्रबंधन के लिए अत्यधिक प्रभावी हैं, इसलिए बायर (Bayer) क्रॉपसाइंस लिमिटेड, राजस्थान और पंजाब में टिड्डी नियंत्रण गतिविधियों के लिए 5,500 लीटर डेल्टामेथ्रिन (Deltamethrin) प्रदान करके सरकार की पहल में योगदान दे रही है।
डेल्टामेथ्रिन 1.25 ULV की टिड्डी नियंत्रण के लिए खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा विश्व स्तर पर सिफारिश की गई है और इसे मार्च 2020 में भारत में टिड्डी नियंत्रण के लिए पंजीकरण समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है। डेल्टामेथ्रिन एक स्पेस स्प्रे फॉर्मूलेशन है जिसका इस्तेमाल थर्मल या ULV फॉगिंग द्वारा उड़ने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए किया जाता है। यह टिड्डियों के वर्तमान हमलों जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान फायदेमंद साबित हुआ है।
भारत टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन के उपयोग को मंजूरी देने वाले अग्रणी देशों में से है। ड्रोन आधारित अपने अनुमोदित रसायनों के छिड़काव का परीक्षण करने के लिए बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड राजस्थान में टिड्डी नियंत्रण गतिविधियों के लिए कई ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ स्वतंत्र रूप से साझेदारी कर रहा है। राजस्थान टिड्डी दल से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक है। ये परीक्षण राजस्थान में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर प्रभावी टिड्डी नियंत्रण पर डेटा तैयार करने के लिए भी किया जा रहे है।
डॉ. अरुण कुमार, हेड-एनवॉयरमेंटल साइंस, बायर साउथ एशिया ने कहा कि “वर्तमान टिड्डी हमलों जैसी अप्रत्याशित स्थितियों को समय पर और इनोवेटिव समाधान की आवश्यकता होती है। बायर टिड्डी नियंत्रण के लिए एकीकृत समाधान प्रदान करने के लिए सरकार, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के साथ सहयोग कर रहा है। विभिन्न जानकारों के साथ काम करते हुए हम ड्रोन आधारित टिड्डी नियंत्रण के लिए मानक प्रक्रियाएं बनाएंगे और डेल्टामेथ्रिन जैसे प्रभावी रसायन के साथ ड्रोन परीक्षणों की देखरेख करेंगे।"
डॉ. अरुण कुमार ने आगे कहा कि “बायर खेतों और गांवों में टिड्डियों के हमले के विरूद्ध तैयारी और उनसे निपटने के लिए सुरक्षित और प्रभावी तरीकों के बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा कर रहा है। हम टिड्डी नियंत्रण के लिए राज्य कार्य बलों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वर्तमान में टिड्डी हमलों की अग्रिम चेतावनी के लिए बेहतर प्रणाली जैसे दीर्घकालिक समाधानों पर चर्चा कर रहे हैं।
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