सोनू सूद को गिरफ्तार किया जाये : हिन्दू संगठन


शब्दवाणी समाचार, शनिवार 30 मई 2020, नई दिल्ली। धर्म रक्षक श्री दारा सेना के राष्ट्रीयअध्यक्ष श्री मुकेश जैन की अध्यक्षता में वीडियों कान्फ्रेसिंग के जरिये हुई हिन्दूसंगठनों की आक्समिक बैठक में प्रवासी मजदूरों को मुफ्त टिकट और खाने-पीने की व्यवस्था के साथ उनके घर पहुंचाने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को नक्सली ईसाई आतंकवादी टुकड़े-टुकड़े गैंग के टुकड़ों पर पल रहे पूर्व एक्टिविस्ट जजों और वकीलों के गैंग से जुड़े सर्वोच्च न्यायालय के जजों का लाॅकडाउन के कानून का उल्लंघन करके प्रवासी मजदूरों के जरिये पूरे भारत में कोरोना महामारी फैलाने का षड़यन्त्र बताया। इसी के साथ हिन्दू संगठनों ने लाकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरो को घर पहुंचाने की फिल्मी कलाकार सोनू सूद की मुहिम को मुम्बई में फैले कोराना को भारत के गांव- गांव में फैलाने  का षड़यन्त्र बताते हुए सोनू सूद को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की।
बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री शरद अरविन्द बोबड़े साहब से अनुरोध किया कि मजदूरों के आवागमन और खाने-पीने की व्यवस्था की निगरानी के लिये सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के एक्टिविस्ट जजों और वकीलों को भी रेल के प्रत्येक डिब्बें में निगरानी के लिये भेजे और यं एक्टिविस्ट जज और वकील मजदूरों के साथ यात्रा करते हुए मजदूरों को दिया जा रहा खाना भी उनके साथ ही बैठ कर खायें ताकि उनके आवागमन और भोजन की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की ऐसी कमी न रह जाये, जो कोरोना फैला सके।



हिन्दू संगठनों ने प्रवासी मजदूरों को लाॅकडाउन के दौरान घर भेजने की व्यवस्था करने क लिये पत्र लिखने वाले वकीलों  पी चिदंबरम, आनंद ग्रोवर, इंदिरा जयसिंह, मोहन कटारकी,सिद्धार्थ लूथरा, संतोष पॉल, महालक्ष्मी पावनी, कपिल सिब्बल, चंदर उदय सिंह, विकाससिंह, प्रशांत भूषण, इकबाल चागला, अफी चिनॉय, मिहिर देसाई, जानकी देसाई, द्वारकादास,रजनी अय्यर, युसुफ मुच्छाला, राजीव पाटिल, नवरोज सरवाई, गायत्री सिंह, संजय सिंघवी,दुष्यन्त दवे को और इनकों घर भेजने के लिये चिन्तित संज्ञान लेकर सुनवाई करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के जज श्री अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एम आर शाह को भी इन प्रवासी मजदूरों के साथ रेल में भेजा जाये। उनके प्रवासी मजदूरों के साथ यात्रा करने से ये साबित हो जायेगा कि इस प्रकार लाॅकडाउन तोड़कर की जा रही यात्रा से देश में कोरोना नहीं घर मिलाप होगा जो देश हित में है।  
बैठक में सभी हिन्दू संगठनों ने कहा कि यदि नक्सली ईसाई आतंकवादी टुकड़े-टुकड़े गैंग के टुकड़ों पर पल रहे पूर्व एक्टिविस्ट जजों, वकीलों और इस मामले पर स्वतः सज्ञान लेने वाले सर्वोच्च न्यायालय के जज इन प्रवासी मजदूरों के साथ यात्रा करने और खाना खाने को तैयार नही होते तो यह माना जाये कि मजदूरों को घर भेजने का इनका षड़यन्त्र गांव गांव में कोरोना फैलाने की राष्ट्र विरोधी साजिश है। जिसके दण्ड स्वरूप इन सब एक्टिविस्ट जजों और वकीलों को रेल के एक ही डिब्बे में बैठाकर 7 दिवसीय भ्रमण यात्रा करायी जाये। उसके बाद इन्हे महामारी फैलाने का षड़यन्त्र रचने के आरोप में गिरफ्तार किया जाये।  
हिन्दू संगठनों ने सरकार को चेताया कि कि वो नक्सली ईसाई आतंकवादी टुकड़े-टुकड़े गैंग के टुकड़ों पर पल रहे पूर्व एक्टिविस्ट जजों और वकीलों के गैंग से जुड़े सर्वोच्च न्यायालय के जजों का लाॅकडाउन के कानून का उल्लंघन करके प्रवासी मजदूरों के जरिये पूरे भारत में कोरोना महामारी फैलाने का षड़यन्त्र को समझें, और किसी भी मजदूर को उसके घर पर जाने की इजाजत न दे। 



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