पॉपकॉर्न फर्नीचर ने बच्चों के मानसिक सेहत के लिए गुड कर्मा के साथ कि साझेदारी

शब्दवाणी समाचार वीरवार 9 अप्रैल 2020 नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, भारत की सबसे बड़ी एजुकेशन फर्नीचर निर्माण कंपनी पॉपकॉर्न स्कूल फर्नीचर ने बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य के  देखभाल के लिए एक महीने के ऑनलाईन अभियान की घोषणा की हैं। गुड कर्मा के सहयोग से शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य वर्कशॉप और घरेलु गतिविधियों के माध्यम से कोविड-19 के प्रकोप के दौरान बच्चों में तनाव को कम करना है।



कोविड-19 के प्रकोप ने वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के मन में भी उच्च स्तर की चिंता और भय पैदा कर दिया है, जिस कारण इस समय इन सभी लोगों को अतिरिक्त देखभाल और उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है। पॉपकॉर्न फर्नीचर इस समस्या से निपटने के लिए बच्चों के साथ-साथ माता-पिता के लिए विशेषज्ञों के निर्देश मे एक वर्चुअल वर्कशॉप का आयोजन कर रहा हैं। इस वर्कशॉप के तहत माता-पिता को अपने बच्चों के लिए कुछ गतिविधियों को तैयार करने के लिए कहा जाएगा, जैसे कि रीडिंग, पेंटिंग, खाना बनाना, गेम्स और साथ ही घर के बुजुर्गों के साथ समय बिताने के लिए कहा जाएगा, जिससे उन्हें बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।  गुड कर्मा क्लिनिक (20 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ प्रमाणित अमेरिकी बोर्ड) के डॉ. रंजन घोष  के साथ बच्चें और माता-पिता ऑनलाइन माध्यम के जरिए  एक दूसर से बात कर सकेंगे। इस अभियान के माध्यम से, पॉपकॉर्न स्कूल फर्नीचर, बच्चों के मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मंच के माध्यम से गतिविधियों का आयोजन करेगा।    
पॉपकॉर्न स्कूल फर्नीचर और गुड कर्मा के एसोसिएशन पर टिप्पणी करते हुए, सुश्री दीपिका गोयल, संस्थापक, और निदेशक, पॉपकॉर्न फर्नीचर ने कहा, “बच्चों की भावनात्मक सेहत का ख्याल रखना, उनके शारीरिक स्वास्थ्य के ख्याल रखने जैसा ही महत्वपूर्ण है। अच्छा मानसिक सेहत, उन्हें इस लॉकडाउन  के स्थिति में खुश रखेगा और इस महामारी के समय में भी स्वस्थ्य रखेगा। बच्चों को घर में अपना समय सुस्ती से बिताने के बजाय सार्थक रचनात्मक तरीके से इस्तेमाल करना सिखाना  बेहद जरूरी है। हम विशेषज्ञों की देखरेख में इस स्थिति से निपटने के लिए बच्चों और अभिभावकों को प्रशिक्षित करने की कोशिश करेंगे। इसलिए  मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श के सभी पहलुओं से संबंधित गुड कर्मा और डॉ. रंजन घोष जैसे विशेषज्ञों के साथ टाई-अप कर हम लोगों के समस्या का समाधान कर सकतें हैं। ”   
डॉ. रंजन घोष, मनोचिकित्सक, गुड कर्मा, ने कहा, “हमारे नियंत्रण से बाहर होने वाली कोई भी घटना निश्चित रूप से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, और ये उस समय और बदतर हो जाता है जब हम इसके बारे में कुछ भी कर नहीं पाते और खुद को शक्तिहीन महसूस करने लगते हैं। हम इस मुशकिल के घड़ी में भी अपने मानसिक स्वस्थ्य का ख्याल रख सकतें हैं, बस हमें अनुसंधान के जरिए प्रमाणित इन  'द फाइव वेज़ टू वेल्बीइंग’ के पांच तरिकों को अपनाना होगा। इस तरिके से हम बच्चों और वयस्कों के मानसिक सेहत में सुधार ला सकतें है। वे हैं - अपने चीजों को दूसरों के साथ शेयर करें, फोन या ऑनलाइन माध्यमों के जरिए दूसरों से जुड़ें, जागरूक रहें, सक्रिय रहें और सीखते रहें। इस बढ़ती और चिंताजनक समस्या से निपटने के लिए हम पॉपकॉर्न फर्नीचर के साथ साझेदारी कर ऑनलाइन माध्यम के जरिए लोगों को जागरूक करने कि कोशिश करेंगे, हम इस अभियान के माध्यम से लोगों के बीच #teachkarona के महत्वपूर्ण संदेश को फैलाना चाहता हैं।



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