राघवेंद्र ने सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में धरने पर बैठे

शब्दवाणी समाचार वीरवार 27 फरवरी 2020 (ऐ के लाल) गौतम बुध नगर। समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता राघवेंद्र ने सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में धरने पर बैठे संविदा कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने एवं  उनकी पांच माह की सैलरी ना देने पर धरनारत संविदा कर्मियों की समस्या समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राघवेंद्र दुबे बताया कि चौदह कंप्यूटर आपरेटर के अलावा एक इलेक्ट्रीशियन को भी काम से रोक दिया गया है। वेतन न मिलने के कारण संविदा कर्मियों के परिवार भुखमरी के कगार पर हैं और बच्चों की फीस ना दे पाने के कारण उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है। यथाशीघ्र उनका वेतन दिलाया जाय और वापस काम पर रखा जाय। निकाले गए कर्मचारियों की जगह दूसरे कर्मचारियों को रख लिया गया है। सरकार अगर किसी को रोजगार नहीं दे सकती तो उसे रोजगार छीनने का अधिकार भी नहीं है। संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण यहां आने वाले मरीजों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। डिजिटल इंडिया का नारा देने वाली भाजपा सरकार में कंप्यूटर ऑपरेटरों को निकले जाने से पर्चियां हाथों से बनाई जा रही है।



सपा जिला प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने पत्र में लिखा कि जिस नोएडा के प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह है जो कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी है वहां के अस्पताल की यह दुर्दशा हो रही है तो अन्य जिलों के स्वास्थ्य सेवा की स्थिति क्या होगी इसे आसानी से समझा जा सकता है। सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं है और मरीजों के लिए दवा भी उपलब्ध नहीं है जबकि नोएडा उत्तरप्रदेश में  सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला है। सीएमएस ने वार्ता के दौरान बताया है कि उत्तरप्रदेश में जहां सौ बेड के अस्पताल हैं वहां पर कंप्यूटर ऑपरेटर और सिक्योरिटी गार्ड कोई पद नहीं है इसलिए वेतन नहीं मिल पा रहा है। यह बात । अन्य जिलों में कई सरकारी हॉस्पिटल हैं लेकिन यहां तो केवल एक ही है। प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला नोएडा वहां पर भाजपा सरकार एक अस्पताल ठीक से संचालित नहीं कर पा रही है।उत्तर प्रदेश की शो विंडो नोएडा के जिला अस्पताल में आईसीयू नहीं है और दो वेंटिलेटर होने के बावजूद उन्हें संचालित करने के लिए कर्मचारी नहीं हैं। सपा सरकार में शुरू हुई आपातकालीन एम्बुलेन्स सेवा भी डीजल की कमी के कारण ठप पड़ी है। डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कर्मचारियों का वेतन दिलाने, उन्हें काम पर वापस लेने सहित अन्य सुविधाओं को बहाल करने की मांग की जिससे आने वाले मरीजों को दिक्कत का सामना न करना पड़े।



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