ठंड के दौरान सामान्य फ्लू और सांस संबंधी समस्या का बढ़ जाती है

शब्दवाणी समाचार शनिवार 28 दिसम्बर 2019 नई दिल्ली। ठंड का मौसम बीमारियों का घर होता है लेकिन इसके दौरान बढ़ रहे प्रदूषण ने हालात को बद से बद्तर बना दिया है। इस बढ़ते प्रदूषण के कारण सामान्य फ्लू और सांस संबंधी अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। स्मॉग के साथ मिले हुए कण न सिर्फ हवा की गुणवत्ता को खराब करते हैं बल्कि अस्थमा, सीओपीडी और सांस संबंधी अन्य समस्याओं को भी जन्म देते हैं। हालांक, वाहनों और इंडस्ट्री से निकलने वाला धुंआ हवा की गुणवत्ता व शुद्धता को गिराने वाला एक प्रमुख कारक है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जलने वाली फसल ने स्वास्थ्य समस्याओं को 3 गुना बढ़ा दिया है। हालांकि, खुद की सुरक्षा और देखभाल खुद से करने से बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है।



नई दिल्ली में साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, डॉक्टर आशीष जैन ने बताया कि, “हालांकि सरकार प्रदूषण को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है, जिसके लिए अभी तक कई ठोस कदम उठा चुकी है, लेकिन यदि हम अपनी देखभाल खुद करते हैं तो उससे बेहतर क्या हो सकता है। तरल पदार्थ इस समस्या से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा विकल्प हैं। सामान्य फ्लू और सांस संबंधी अन्य समस्याएं इम्यूनिटी को कुछ वक्त के लिए कमजोर कर देती हैं, लेकिन यदि ध्यान न दिया जाए तो ये कुछ दिन ही किसी बड़े संक्रमण का कारण बन सकते हैं। ताजे फल और ताजी सब्जियों का सेवन करें, विशेषकर कच्चे फल व कच्ची सब्जियों का सेवन अधिक फायदेमंद होता है। ढेर सारा पानी पिएं।
बुजुर्ग, बच्चे और प्रेग्नेंट महिलाओं में इन समस्याओं के होने का खतरा ज्यादा होता है इसलिए उन्हें अपना ध्यान विशेषतौर पर रखना चाहिए। इसके साथ ही जो लोग हृदय रोग, किडनी रोग, सीओपीडी, अस्थमा, डायबिटीज आदि बीमारियों से पीड़ित हैं या जो लोग स्टेरॉयड का सेवन करते हैं उनमें भी बीमार होने का जोखिम ज्यादा होता है। ऐसे लोगों को तुरंत किसी अच्छे फिजीशियन से संपर्क करना चाहिए। बाहर जाने से बचे या प्रमाणित फिल्टर मास्क पहनकर ही बाहर जाएं।
वेन्टिलेशन में कमी के कारण घर के अंदर प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जो सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इसलिए हवा का आर-पार होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा पर्फ्यूम, पेंट, मच्छर मारने वाली कॉयल, अगरबत्ती की गंध, धूम्रपान का धुआं आदि भी घर में प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं, इसलिए ऐसी चीजों को नजरअंदाज करें। इसके साथ ही घर को पूरी तरह से साफ रखें, पर्दों को जल्दी-जल्दी धोएं, कार्पेट को रोज साफ करें, फर्नीचर को साफ रखें, जिससे उनमें धूल-मिट्टी जमा न हो सके, जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है।
डॉक्टर जैन ने आगे बताया कि, “इंडोर प्रदूषण को कम करने के लिए कॉयल / अगर बत्ती जलाना, रूम स्प्रे का इस्तेमाल आदि सब बंद कर दें। आप एयर फिल्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं, विशेषकर तब अगर घर में बच्चे भी हैं। हेपा फिल्टर आधारित एयर प्यूरीफायर इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।



Comments

Popular posts from this blog

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक पार्टी सिंधी समाज को भी अपना उम्मीदवार बनाए : अंजलि तुलस्यानी

ऑर्किड स्कूल खगोल विज्ञान थीम वाले फन एंड फेयर गो कॉस्मो का आयोजन करेगा

महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की 57वीं रथ यात्रा निकला गयी