स्थायी सामाजिक विकास में आटो उद्योग की भूमिका पर डाली रोशनी
शब्दवाणी समाचार वीरवार 26 दिसम्बर 2019 नई दिल्ली। सोसाइटी आफ आटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स ने चैथे सालाना सीएसआर सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न समाज कल्याण गतिविधियों के माध्यम से सतत विकास में आटो उद्योग के योगदान पर रोशनी डाली गई। पैनल ने कार्यक्रम के विषय- सामाजिक सशक्तीकरण, सतत प्रभाव' पर ध्यान केन्द्रित किया और इस बात पर रोशनी डाली कि कैसे सीएसआर गतिवधियां लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं। सम्मेलन में उद्योग जगत के दिग्गजों ने हिस्सा लिया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण के साथ समाज के समावेशी विकास पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
उद्घाटन सत्र की शुरूआत करते हुए श्री सुशांत नायक, को-चेयरमैन,सीएसआर ग्रुप, नेशनल हैड- गवर्नमेन्ट अफेयर्स, टाटा मोटर्स ने कहा, ''आटो उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला मुख्य कारक है, जो ैप्।ड के माध्यम से 'ज़िम्मेदारी के साथ राष्ट्र निर्माण' में योगदान देने के लिए तत्पर है।'' उन्होंने ैप्।ड को भी धन्यवाद दिया, जिसने समाज कल्याण एवं विकास के लिए आॅटो उद्योग द्वारा किए गए सराहनीय प्रयासों को रोशनी में लाने के लिए यह मंच उपलब्ध कराया है।''
श्री नवीन सोनी, चेयरमैन, सीएसआर ग्रुप एवं वाईस प्रेज़ीडेन्ट- एक्सटर्नल अफेयर्स, टोयोटा किरलोस्कर मोटर ने सम्मेलन के विषय 'सामाजिक सशक्तीकरण, सतत प्रभाव' पर चर्चा करते हुए कहा, ''सामाजिक सम्पत्ति का निर्माण करना और इसके लिए समाज स्वामित्व की भावना उत्पन्न करना, सीएसआर परियोजनाओं के स्थायित्व के लिए ज़रूरी है। हम अपनी इन पहलों के माध्यम से विकास को बढ़ावा देकर और समाज पर अधिकतम प्रभाव उत्पन्न कर समाज को कुछ देना चाहते हैं।''
श्री अर्जुन राम मेघवाल, भारत सरकार में भारी उद्योगों और सार्वजनिक उद्यमों के लिए माननीय राज्य मंत्री ने सीएसआर सम्मेलन का उद्घाटन किया और भारतीय संस्कृति में समाज कल्याण गतिविधियों के महत्व पर रोशनी डाली। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए 3 पी- पेड़, पानी और प्लास्टिक के सजग इस्तेमाल के महत्व को दोहराते हुए कहा, ''हमें अपने व्यक्तिगत एवं कोरपोरेट प्रयासों के माध्यम से पेड़ लगाने चाहिए, पानी को बचाना चाहिए ओर सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इस्तमेाल को कम करना चाहिए। पहल की सराहना करता हूं, जिन्होंने कार्यक्रम के दौरान सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर दिया है। ये छोटे-छोटे कदम हमारे पर्यावरण की सुरक्षा में कारगर साबित हो सकते हैं।
श्री राजेश मेनन, महानिदेशक, ैप्।ड ने प्रवक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सत्र का समापन किया।
सत्र के दौरान भारत में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं तथा सुरक्षित परिवहन के बारे में जागरुकता बढ़ाकर इस समस्या के समाधान पर भी चर्चा की गई। चर्चा के दौरान इस बात पर ज़ोर दिया गया कि छात्रों को सड़क सुरक्षा दूत बनाकर सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में शिक्षा और जागरुकता को बढ़ावा दिया जा सकता है।
सम्मेलन के मुख्य प्रवक्ता डाॅ माधव चवन, संस्थापक, प्रथम ने भारत में शुरूआती वर्षों में सीएसआर पर चर्चा करते हुए कहा कि कैसे आज इसे कोरपोरेट सेक्टर द्वारा अपनाया जा रहा है। ''सीएसआर की तरफ़ कंपनियों का दृष्टिकोण परिपक्व हो चुका है।'' उन्होंने आॅटो सेक्टर से संबंधित व्यवसायिक प्रोग्रामों के माध्यम से तकनीकी शिक्षा में निवेश पर भी ज़ोर दिया। ''आज अविकसित क्षेत्रों में स्थायी विकास को बढ़ावा देना ज़रूरी है।'' उन्होंने कहा।
कार्यक्रम का समापन दूसरे सीएसआर अवाॅर्ड के साथ हुआ, जिसमें टैरे पाॅलिसी सेंटर ने एनवायरनमेन्ट रेजुवनेशन कैटेगरी में पुरस्कार जीता, स्नेहा एनजीओ ने हेल्थ एण्ड सेनिटेशन कैटेगरी में, धरती चैरिटेबल ट्रस्ट ने स्किल्स एण्ड एजुकेशन कैटेगरी में, सेफ़ लाईफ फाउन्डेशन से सेफ्टी कैटेगरी में, बीएआईएफ इन्सटीट्यूट आॅफ सस्टेनेबल लिवलीहुड्स एण्ड डेवलपमेन्ट ने स्पेशनल मेंशन कैटेगरी में पुरस्कार जीता।
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