नवम्बर माह में काटे गए हजारों राशन, अधिकारी नहीं उठाते फोन
शब्दवाणी समाचार समाचार शनिवार नवंबर 2019 (दुर्गेश कश्यप) मौदहा,हमीरपुर। अभी बिहार में राशन न मिलने के कारण भूख से मरी बच्ची को लोग भूलें भी नहीं है।और इस बात का संज्ञान लेते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सरकारी लाभ की योजनाओं में आधार कार्ड की भिन्नता से लाभार्थियों को वंचित न किया जाये।और जहां एक ओर सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रयत्नशील है।वहीं सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत से कोटेदार खाद्यान्न का खेल खेल रहे हैं।कस्बे सहित तहसील क्षेत्र मे हर माह कोटेदारों द्वारा सैकड़ों राशन कार्ड कटवा दिए जाते हैं।और उपभोक्ता अपने राशन कार्ड को बनवाने के लिए महीनों विभाग के चक्कर लगाते रहते हैं।और यदि कोई व्यक्ति पूर्ति विभाग जाकर यह जानने का प्रयास करता है कि उसका राशन कार्ड क्यों निरस्त किया गया है।तो कार्यालय के बाबुओं के पास एक रटा रटाया जवाब होता है कि आधार कार्ड में भिन्नता है।लेकिन शायद यह कुर्सी पर विराजमान बाबू भूल गए हैं कि अगर आधार कार्ड में अग्रेजी मे भिन्नता है। कार्ड धारक का नाम हिंदी में भी दर्ज होता है।चाहे वह आधार कार्ड हो या राशन...