ई कॉमर्स कम्पनियों पर धाँधली के कारण अनेक देशों में फ़ाइन और जाँच
शब्दवाणी समाचार बुधवार 23 अक्टूबर 2019 नई दिल्ली। वॉलमार्ट के सीईओ द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भारत में स्थिर कारोबारी वातावरण बनाने के पत्र लिखने के एक दिन बाद आज कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट ) ने प्रधान मंत्री श्री मोदी को भेजे गए एक पत्र में वॉलमार्ट के सीईओ पर भारी हमला करते करते हुए कहा की यह पत्र एक रणनीति के रूप में भारत के आंतरिक मामलों और नीति निर्माण में हस्तक्षेप या मध्यस्थता करने की अनैतिक कोशिश है जिसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्रीश्री मोदी को भेजे पत्र में कहा कि देश के व्यापारियों का दृढ़ विश्वास है कि सरकार की आर्थिक नींव या नीति संरचना में कोई अस्थिरता नहीं है। "वैश्विक खिलाड़ियों द्वारा इस तरह की बयानबाजी और कुछ नहीं, बल्कि भारत के 45 लाख करोड़ खुदरा बाजार की बड़ी मौजूदा व्यावसायिक क्षमता में बढ़त पाने के लिए एक दबाव की रणनीति है और अनुचित और एकाधिकार व्यवसाय प्रथाओं में लिप्त होकर हमारी अर्थव्यवस्था को सीधे नियंत्रित करने की कोशिश है और यह पत्र ऐसे समय पर भेजा गया है जब वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बहुत स्पष्ट रूप से एक सार्वजनिक बयान में बेहद सख़्ती से कहा कि ई-कॉमर्स कम्पनियों को किसी भी प्रकार से लागत से भी कम मूल्य पर माल देने अथवा क़ीमतों में कोई छूट देने या लिप्त होने का कोई अधिकार नहीं है।
कैट ने अपने पत्र में कहा है की हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि जो लोग उपदेश दे रहे हैं वे पहले से ही दुनिया भर में कई प्रकार की अनैतिक और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं में लिप्त हैं और कई बार दंडित किए गए हैं और विभिन्न देशों में जांच का सामना कर रहे हैं। हाल ही में वॉलमार्ट को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत, ब्राजील, चीन और मेक्सिको में 2011 से संबंधित अवधि के लिए 283 मिलियन अमरीकी डालर का जुर्माना लगाया गया था। वॉलमार्ट को यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस एंड सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ यूएसए को उपरोक्त राशि का भुगतान करना पड़ रहा है ।
कैट ने आगे कहा कि इसी तरह, सितंबर 2019 में, पेरिस वाणिज्यिक न्यायालय द्वारा प्रतिस्पर्धा के मुद्दों पर अमेज़ॅन पर फ्रांस में 4 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया गया था। यह उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ भी अमेज़ॅन के खिलाफ एक एंटी ट्रस्ट जाँच चलाए हुए है। इन उदाहरणों के अलावा, इन कंपनियों को विभिन्न देशों में ऐसे कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। जब यह कम्पनियाँ इस तरह के आरोपों से घिरी हुई हैं ऐसे में भारत को ज्ञान देने का उन्हें कोई नैतिक अधिकार नहीं है ।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट का मॉडल व्यवसाय मॉडल नहीं है बल्कि बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने और वैल्यूशान का खेल है ।
कैट ने प्रधान मंत्री से आग्रह किया है कि वे इन अनैतिक कॉरपोरेट्स के दबाव को किसी भी आधार पर स्वीकार न करें, जो भारत के अच्छी तरह से परिभाषित कानूनों और नीतियों की पवित्रता की अवहेलना करके अपने स्वयं के व्यक्तिगत लाभ के लिए भारत के बाज़ार का दोहन कर रहे हैं। “
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा जी हमें पूरी उम्मीद है कि आप भारत के सात करोड़ व्यापारियों के हितों को प्राथमिकता देंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाएंगे कि ये विदेशी कंपनियां पत्र और भावना में सरकार के कानूनों और नीतियों का सख्ती से पालन करेंगी। भारत को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए हम पूरे दिल से आपके साथ हैं।
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