ई-कॉमर्स को फेक-फ्री बनाने की तैयारीः डिजिटल मॉल ऑफ एशिया
शब्दवाणी समाचार शनिवार 31 अगस्त 2019 नई दिल्ली। भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट प्रभावी वृद्धि दर्ज कर रहा है और देशभर में मिलेनियल खरीदारों में इसे स्वीकृति बढ़ रही है। हालांकि, इन प्लेटफार्म को लंबे समय से ऑनलाइन खरीदारों और ऑफलाइन विक्रेताओं दोनों से अत्यधिक आलोचना का सामना करना पड़ा है। खरीदारों को बड़े पैमाने पर जालसाजी का शिकार होना पड़ता है। वहीं विक्रेताओं को ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर दी जा रही भारी छूट की वजह से बिक्री में भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।
हाल ही में लोकलसर्कल्स की सर्वे रिपोर्ट में सामने आया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले हर पांच उत्पादों में से एक फर्जी प्रतीत होता है। सौंदर्य प्रसाधन और सुगंध जैसे सेग्मेंट्स में ग्राहक जालसाजी के बड़े शिकार बनते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर फर्जी उत्पादों की बढ़ती मौजूदगी से न केवल खरीदारों को असुविधा होती है, बल्कि यह ब्रांड की छवि के लिए भी खतरा बन जाता है।
मौजूदा ई-कॉमर्स चुनौतियों का सामना करने के लिए योकेशिया मॉल्स द्वारा प्रबंधित डिजिटल मॉल ऑफ एशिया (डीएमए) ने एक जीरो-कमीशन बिजनेस मॉडल बनाया है, जो अपनी तरह का इनोवेटिव कंसेप्ट है। यह 1 जनवरी, 2020 को लाइव होने वाला है। इस नए बाज़ार में खरीदारी के दौरान ग्राहक पेमेंट से पहले प्रोडक्ट की जाँच कर सकेंगे। किसी भी विवाद की स्थिति में डीएमए सीधे प्रोडक्ट बदल देगा। यह बड़े पैमाने पर जालसाजी को दूर करेगा और ब्रांड्स के प्रति खरीदार के दिमाग में विश्वास और विश्वसनीयता बहाल करने में मदद करेगा।
जैसा कि नाम से पता चलता है, इस प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाने वाले ब्रांड्स बिना किसी कमीशन के डीएमए को निश्चित मासिक किराए का भुगतान करने के लिए जवाबदेह होंगे। इसके अलावा डीएमए के पोर्टल के साथ अपने आविष्कारों को एकीकृत करने वाले ऑफ़लाइन ब्रांड आगे फिजिकल रिटेल स्टोर्स की मजबूत स्थानीय उपस्थिति भुनाने की शक्ति रखेंगे। यह एंड-कस्टमर्स को तेज ऑर्डर डिलीवरी (2-24 घंटे) सुनिश्चित करेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डीएमए के मंच पर काम करने वाले किसी भी ऑनलाइन विक्रेता को ब्रांड की सहमति के बिना उत्पादों को बेचने की अनुमति नहीं होगी।
इस बीच विक्रेता के दृष्टिकोण से डीएमए उन्हें ओवरऑल कॉस्ट कम करने में मदद करेगा क्योंकि उन्हें केवल 5-7 स्टोर के बजाय एक शहर को कवर करने के लिए एक फिजिकल स्टोर की आवश्यकता होगी। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसका विक्रेता पालन करते हैं। इसके अलावा, यह प्लेटफार्म अपने संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए ब्रांड्स को तत्काल पेमेंट सेटलमेंट की पेशकश करेगा।
यह नया मॉडल किसी शहर में किसी विशेष प्रोडक्ट कैटेगरी या ब्रांड को बेचने के लिए ब्रांड्स को विशेष अधिकार भी देगा। यह बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर आम तौर पर अनुभव होने वाली कृत्रिम अति-प्रतिस्पर्धात्मकता को खत्म कर देगा।
डिजिटल मॉल ऑफ एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ऋषभ मेहरा ने कहा, “इस समय भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में जालसाजी के बढ़ते मामले सुर्खियों में हैं। यह न केवल खरीदारों को परेशान करता है बल्कि ब्रांड्स की छवि को भी ध्वस्त करता है। हमें महसूस करना चाहिए कि इस समस्या को पूरी तरह से खत्म करने का कोई तरीका नहीं है। हालांकि, हम इसे मजबूत सुधारात्मक उपायों के माध्यम से दूर कर सकते हैं। डीएमए के साथ, हम इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं और खरीदारों व विक्रेताओं को बिना किसी परेशानी वाला और इनोवेटिव बिक्री और खरीदारी का अनुभव प्रदान करते समय असुविधा से बचाना चाहते हैं। ”
वर्चुल अस्पेस में भौतिक रिटेल मॉल की भावना की नकल के उद्देश्य से, यह इनोवेटिव बिजनेस मॉडल ग्राहकों को सहज अनुभव प्रदान करते हुए कई इमर्सिव और सिमुलेटेड माहौल प्रदान करेगा। ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए कई विजुअल और सेंसरी एलिमेंट्स भी इसमें शामिल होंगे। डीएमए का अंतिम लक्ष्य ब्रांड्स को एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म प्रदान करना है जहां वे प्रोडक्ट बेच सकते हैं और आकर्षक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इसी तरह खरीदारों को अपने डेटा का मालिक होने और उनके ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव को नए सिरे से परिभाषित करना है।
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