मनोहर सरकार खेल व खिलाडिय़ों को बर्बाद करने पर जुटी-दुष्यंत चौटाला
शब्दवाणी समाचार वीरवार 27 जून 2019 नई दिल्ली। जननायक जनता पार्टी नेता दुष्यंत चौटाला ने जूनियर प्रतियोगिताओं के लिए हरियाणा सरकार की खेल नीति पर कड़ा ऐतराज जताया हैं। पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश खेल व खिलाडिय़ों को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुली हुई है।
जेजेपी नेता ने जूनियर प्रतियोगिताओं के लिए खिलाडिय़ों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पर रोक लगाने के फैसले को खेलों के भविष्य बर्बाद करने वाला कदम बताया है। इतना ही नहीं सरकार ने शिक्षण संस्थाओं में दाखिले के लिए खिलाडिय़ों को दी जा रही अंकों में छूट को वापस लेने को भी खेलों के लिए घातक कदम बताया है। सरकार के इस फैसले से न केवल प्रदेश में खेल नर्सरियों में तैयार हो रही खिलाडिय़ों की पौध रूक जाएगी बल्कि इसका सीधा असर पर हरियाणा के खिलाडिय़ों के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों के प्रदर्शन व उनकी भागीदारी पर पडऩा तय है। दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को पार्टी के खेल प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष व द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता महावीर फोगाट, कोच, खिलाडिय़ों के साथ प्रदेश की खेल नीति पर मंथन कया।
हिसार से पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में खट्टर सरकार ने जो रवैया खिलाडिय़ों के प्रति अपनाया हुआ है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि न तो प्रदेश सरकार नाम कमाने वाले खिलाडिय़ों को पुरस्कृत कर इनकी हौसला अफजाई मेें न तो कोई रूचि रखती है और न ही उन्हें सुविधाएं देने में।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जूनियर, सब जूनियर व विभिन्न खेल संघों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाडिय़ों को सीनियर प्रतियोगिता के पदक विजेतायों के बराबर ही लाखों रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान था। इसी प्रकार स्कूल व कालेज स्तर की प्रोगिताओं में भी नकद राशि देने का प्रावधान था परन्तु प्रदेश की भाजपा सरकार ने उपरोक्त सभी प्रतियोगिताओं में लागू इस नीति को वापस ले लिया। जिसका सीधा असर प्रदेश के उभरते हजारों जूनियर खिलाडिय़ों पर पड़ा।
जेजेपी नेता ने कहा कि दुनियाभर में अनेक ऐसे देश हैं जो नर्सियों में तैयार हो रही खिलाडिय़ों की नई पौध पर करोड़ों रूपये खर्च करती हैं, उन्हें सुविधाएं देती हैं, जिनके दम पर वही खिलाड़ी खेल जगत में वे आगे चल कर अपने देश का नाम रोशन करते हैं। हरियाणा में सैंकड़ों ऐसी खेल प्रतिभाएं हैं जो सरकार और विभिन्न संस्थाओं से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के सहारे ही खेल जगत में आगे बढ़ती हैं। जूनियर प्रतियोगिताओं की प्रोत्साहन राशि पर बे्रक लगाने से आर्थिक संसाधनों के अभाव में हरियाण के अनेकों प्रतिभावान खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश में अच्छे खिलाडिय़ों की पौध ही नहीं होगी तो अच्छे खिलाड़ी कहां से पैदा होंगे। इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता है कि राष्ट्रमंडल जैसी बड़ी अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश में पदक दिलवाने में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले हरियाणा की है।
उन्होंने खिलाडिय़ों के दाखिले में अंकों की छूट वापस लेने की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूल-कालेज व अन्य शिक्षण संस्थाओं में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए खिलाडिय़ों को अंकों के आधार पर वरीयता प्रदान करती है परन्तु हरियाणा सरकार ने इस नियम में फेरबदल करते हुए अब दाखिलों में खिलाडिय़ों को मिलने वाले अंकों के लाभ को वापस ले लिया है। अब खिलाडिय़ों को मिलने वाले अनुग्रह अंकों की नियम को समाप्त कर दिया गया है जिसका सीधा असर खिलाडिय़ों पर पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र में सैंकड़ों खिलाड़ी हैं जो खेल पर अपना ध्यान फोकस करते हैं। आगे की पढ़ाई के लिए खेल प्रमाण पत्रों के आधार पर मिलने वाली अंकों की छूट के आधार पर उन्हें दाखिला मिल जाता है और उनका मनोबल उंचा रहता है परन्तु अब ऐसा नहीं होने से खिलाडिय़ों का हत्तोत्साहित होना लाजिमी है।
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