कुस्ती मैं रेलवे के पहलवान नैनीताल में ठोकेंगे ताल

शब्दवाणी समाचार मंगलवार 28 मई 2019 नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अपने 58  चुने हुए पहलवानों का प्रशिक्षण शिविर 1938 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित करने जा रहा हैजो 30 मई से 28 जून तक चलेगा । रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) के सचिव प्रेम चंद लोचब ने प्रशिक्षण शिविर की मंजूरी करते हुए बताया की प्रशिक्षण के लिए उत्तराखंड राज्य के नैनीताल शहर की कुमाऊँ पहाड़ियों का चयन किया है।



उन्होंने कहा नैनीताल हिमालय की कुमाऊँ पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। समुद्र तल से नैनीताल की कुल ऊंचाई लगभग 1938 मीटर हैउस स्थान पर प्रशिक्षण करने से हमारे पहलवानों को लाभ मिलेगा ।  पहलवानों को प्रशिक्षण देने के लिए हमने छ अनुभवी कुश्ती प्रशिक्षको को इसकी जिम्मेदारी दी हैजिसमें अर्जुन अवार्डी कृपाशंकर बिश्नोई (पश्चिम रेलवे)अर्जुन अवार्डी शोकिंदर तोमर (उत्तर रेलवे)परवेश मान (उत्तर रेलवे)आस्ट्रेलिया राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता जय भगवाल (उत्तर पश्चिम रेलवे),  रीछपाल सिंह (उत्तर रेलवे)और सुरेन्द्र कादियान (उत्तर पश्चिम रेलवे) लिस्ट में शामिल है।


रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) के खेल अधिकारी रविन्द्र सिंह ने कहा की हाई एलटीटियुड प्रशिक्षण के लिए नैनीताल सही जगह है । इससे पहले भी हमारे पहलवान वर्ष 2017 में नैनीताल प्रशिक्षण कर के आये है |  हाई एलटीटियुड प्रशिक्षण से रेलवे अपने पहलवानों में ऑक्सीडेटिव एंजाइम करने की क्षमता में वृद्धि करना चाहता है साथ ही संवर्धित मांसपेशी ऊर्जा की दक्षता को बढ़ाना हमारा मकसद है। इससे सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप 2019  में रेलवे के पहलवानों का प्रदर्शन बेहतर होगा।


भारतीय रेलवे के प्रमुख कोच कृपाशंकर बिश्नोई (अर्जुन अवार्डी) के अनुसार 1800 से 2300 मीटर की ऊंचाई पर अभ्यास करने से टीम को अच्छा फायदा मिलेगा। बिश्नोई ने कहा ऐसे प्रशिक्षण से खिलाड़ियों की एन्डोरेंस क्षमता में वृद्धि होगी। पहाड़ी क्षेत्रों मेंऑक्सीजन कम होता है इसलिए व्यायाम के बाद थकान और बेहतर रिकवरी के लिए अधिक समय लगता हैजो बाद में समुद्र तल व मैदानी इलाको पर आकर आपके खेल को बेहतर प्रदर्शन की ओर ले जाता है । जिसका खेल पर सीधे फायदा होता है |


भारतीय रेलवे टीम के एक और प्रशिक्षक 2002 मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेल के रजत पदक विजेता शौकिंद्र तोमर (अर्जुन अवार्डी) कहते है की हाई एलटीटियुड प्रशिक्षण कम से कम 30 दिन का तो होना ही चाहिए। इसके बादखिलाड़ियों से अपेक्षा की जा सकती है कि वे निचले क्षेत्रों में बेहतर परिणाम प्राप्त करें। वही आस्ट्रेलिया राष्ट्रमंडल खेल के स्वर्ण पदक विजेता रेलवे कुश्ती कोच जय भगवान कहते है की हाई एलटीटियुड प्रशिक्षण से पहलवानों में ईपीओलाल रक्त कोशिका की मात्रा और VO2मैक्स में बढ़ोतरी होगीऔर उनके कुश्ती अभ्यास व एनारोबिक बफरिंग क्षमता में सुधार होगा।


रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) के सचिव प्रेम चंद लोचब ने बताया की भारतीय रेलवे कुश्ती मे बहुत बड़ी शक्ति है कई वर्षो से राष्ट्रीय चैम्पियनशिप हम जीत रहे है । पिछले वर्ष भी हमारे पहलवानों ने तीनो शैलियों में चैम्पियनशिप जीती थी। भारतीय रेलवे के पहलवानों पर हमें गर्व है। साइंटिफिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत पहलवानों को तैयार किया जा रहा हैताकि वर्ष 2019 में आयोजित सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में भारतीय रेलवे एक बार फिर चैम्पियन बने।



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