तपस्वी आदर्श परिवार ने शांति सम् शान सी नामक पत्रिका का लोकार्पण किया
शब्दवाणी समाचार बुधवार 24 अप्रैल 2019 नई दिल्ली। तपस्वी आदर्श परिवार ने शांति सम् शान सी नामक पत्रिका का लोकार्पण किया इस अवसर पर शांति सम् शान सी नामक पत्रिका के प्रधान सम्पादक योगी योगेंद्र सिंह माथुर ने पत्रकारों को अपनी पुरानी भावना को प्रकट करते हुए जिसका अभी तक कही से भी समाधान नहीं हुआ उस पर कहा आप पार्टी प्रवक्ता आशुताष के उस बयान की ओर ले जाना चाहूँगा। जो उन्होने सेक्स कांड में फसे अपने विधायक संदीप कुमार के बचाव एवं तुलना करते हुए दिए थे।
यह व्यान सितम्बर 2016 के समाचार पत्रों में छपा कुछ इस प्रकार था इसमें कौन सी बड़ी बात है ये काम गांधी, नेहरु, वाजपाई भी करते थे। गांधी जी तो आश्रम में अपनी भतीजियों के साथ नंगे सोते थे। ये बयान जब मने समाचार पत्रों में पढ़ा तो मुझे धरती घुमती हुई महसूस हुई क्याकि राष्ट्रपिता महात्मा जैसे सम्मानों से सुशोभित गांधी जी की महानता को लेकर ये क्या बयान दे डाला ? क्योकि मैं स्वयं गांधी जी की सत्य एवं अहिंसावादी सोच से प्रभावित था इस पर मैं बहुत ही सरल स्पष्ट शब्दों में अपने विचार रखने जा रहा हूँ। आप सभी से आशा करता हूँ। कि आप भी इसी भाव से समझने की कोशिश करेंगे। मेरा किसी भी महापुरुष या राजनेता को अपमानित करने का कोई उद्देश्य नही है। मेरा ध्येय केवल सत्य, न्याय एवं राष्ट्र के प्रति है। जो देश की एकता, अखण्डता और उज्जवल भविष्य के लिए बहुत जरुरी है। और इसी महापुनित कार्य को समर्पित है
अपनी भतीजियों के साथ नंगे सोते थे। ये बयान जब मने समाचार पत्रों में पढ़ा तो मुझे धरती घुमती हुई महसूस हुई क्याकि राष्ट्रपिता महात्मा जैसे सम्मानों से सुशोभित गांधी जी की महानता को लेकर ये क्या बयान दे डाला ? क्योकि म स्वयं गांधी जी की सत्य एवं अहिंसावादी सोच से प्रभावित था
कुछ देर बाद मन शांत होने पर मेरे मन में ये प्रश्न उठे :
1. क्या इस नेता ने अपने राजनैतिक लाभ के लिए इतना बड़ा बयान दिया है ?
2. क्यों गांधी नेहरु, वाजपाई जैसी हस्तियों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है ?
या वास्तव में इन लोगों का जीवन चरित्र ऐसा था यदि उत्तर "हाँ" मे है तो आशुतोष जी इस देश, समाज को क्या संदेश देना चाहते है ?
3. क्या देश को गांधी जी की सत्य ,अहिंसा जैसी महानता भरी बातों से उल्लू बनाया जा रहा है ?
4. क्या इन्ही कार्यों के लिए देश में गांधी जी को आदर्श के रुप में बताया गया है ?
5. क्या इन्ही सब कार्यों के लिए भारतीय मुद्रा (नोट) पर फोटो छपा है ? जिन्हे हम हाथ में आते ही आदर्श भाव से माथे पर लगाते है। और पूजा भी करते है।
6. क्या हम भी अपने रिश्तों के साथ ऐसा कलंकित, अनैतिक, घिनौने कुकर्म करे ?
ऐसे कुछ प्रश्न मेरे जहन में घूमे :अनैतिक, घिनौने कुकर्म करे ? ऐसे कुछ प्रश्न मेरे जहन में घूमे तब मेरे अंतर्मन से आवाज आई नही इस सत्य से अवगत होना पड़ेगा और एफ.आई.आर दर्ज कराने के लिए थाने की ओर रुख किया। जैसे की आप सभी जानते है इस देश में आम आदमी की कहाँ सुनवाई होती है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ और एफ.आई.आर दर्ज करने से साफ मना कर दिया। तब मैने न्यायालय में याचिका दायर की वहाँ मैने राष्टोय पक्षी मोर का उदाहरण देते हुए एक वकील के माध्यम से ये याचिका लगाई। कि जब राष्ट्रीय पक्षी मोर को हानि पहुँचाने पर दंड का प्रावधान है तो राष्ट्रपिता गांधी जी की मान मर्यादा को कलंकित करने पर क्यों नही ?
ऐसी दलीले एवं वकील की मेहनत काम आई और कोर्ट ने थाने में 2017 मे एफ.आई.आर दर्ज करने का आदेश दे दिया।जिसकी 24.04.2019 का रोहिणी कोर्ट फिर तारीख दी गई है।
लेकिन पिछले 3 सालो से लाखो रुपय खर्च करने के बाद हजारों चक्कर लगाने के बाद मुझे न्याय की जगह निराशा और हताशा ही मिल रही है और अब आशुतोष केस से “विडो” करना चाहते हैं। और अपने राजनैतिक प्रभाव से मुझे अप्रत्यक्ष रुप से हत्तोसाहित करना चाहते है। लेकिन में गांधी जी जैसी महान हस्ती की आन, वान, शान को न्याय दिला कर ही दम लूगा।
इस न्याय की लड़ाई में आप सभी पत्रकार बन्धुओं, सभ्य समाज और शासन-प्रशासन से निश्पक्ष जांच एवं सहयोग के लिए निवेदन करता हूँ। ये सारे शब्द आशुतोष के बयानों पर आधारित है। मैं अपने पास से कुछ भी सम्मिलित नहीं कर रहा हूँ। मझे तो केवल न्याय चाहिये और देश को सच्चा इतिहास चाहिये। आशुतोष अपनी बात को न्यायालय में आकर सिद्ध करे नहीं तो भारतीय न्यायपालिका संविधान के अनुसार ठोस कार्यवाही करें। कस संबन्धित कार्यवाही का ब्यौरा पत्रिका
“शांति सम् शान सी" में दिया गया है । कही शब्दों में त्रुटी रह गई हो तो माफ करना आप सिर्फ मेरे भावार्थ को समझने का प्रयास करना।
नेताओं से एक 'माँ' की भावुक अपील हमारा शारीरिक, आर्थिक रुप से भले ही शोषण करलों लेकिन देश को श्रद्धा, विश्वास एवं भावनाओं के साथ मत खेलों ।
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