केंद्र सरकार द्धारा कृषि के क्षेत्र में उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट जारी

शब्दवाणी समाचार 22 अप्रैल 2019 नई दिल्ली। लोक नीति शोध केंद्र ने 2014 के मैनिफेस्टो में भाजपा सरकार दवारा किए गए वादों के संदर्भ में सरकार के प्रदर्शन का आकलन करने का एक शोध अभ्यास किया। शोध द्वारा सरकार का एक विस्तृत रिपोर्ट कार्ड प्रदान किया गया है। THIS IS HOW BJP WALKS THE TALK की श्रृंखला में लोक नीति शोध केंद्र ने सरकार द्धारा कृषि के क्षेत्र में उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट जारी की । रिपोर्ट को सांसद, राज्य सभा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा एवं निर्देशक, पी.पी.आर.सी, डॉ. विनय सहस्रबुद्धे एवं निर्देशक, पी.पी.आर.सी, डॉ. सुमीत भसीन ने जारी किया । रिपोर्ट में इस क्षेत्र में लिए किए गए हर वादे का विश्लेषण किया गया है और इस आशय का भी आकलन किया गया है कि इस क्षेत्र में कई कदम उठाए गए हैं।



डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि पिछले पांच वर्षों में कृषि क्षेत्र में उठाए गए कदमों से यह सामने आता है की सरकार का केंद्र केवल कृषि उत्पाद बढ़ाना ही नहीं बल्कि किसान कल्याण भी होना चाहिए । इसी नीतिगत सोच के साथ सरकार ने कई ठोस और ल क्षत निर्णय लिए । किसानों की आय को दोगुना करना, उन्हें और उनके प्रयासों को सुर क्षत करना, उन्हें कृषि सम्बंधित टेक्नोलॉजी के प्रति जागरूक करना और कृषि अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देना कुछ मुख्य कदम रहे हैं । सरकार द्वारा कृषि से संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कुछ प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और कृषि क्षेत्र और किसानों के कल्याण के लिए काम किया जा रहा है।


रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को उजागर किया गया है, जैसे, साइल हेल्थ कार्ड और 100% नीम कोटेड यूरिया जैसी योजनाओं द्वारा मोदी सरकार ने देश में कृषि की स्थिति में सुधार लाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण विकसित किया है। इस क्षेत्र में भारी निवेश से कई बेकार पड़े फर्टिलाइज़र प्लांट्स को फिर से शुरू किया गया है। सरकार की 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' की पहल किसानों को हर खेत के मौसम में आवश्यक सिंचाई की सुविधा प्रदान करने में मदद कर रही है।


डॉ. भसीन ने कहा कि, हाल ही में शुरू की गई पीएम-किसन योजना छोटे और सीमांत किसानों को INR 6,000 प्रति वर्ष की सहायता प्रदान करके मदद कर रही है। ब्याज सबवेंशन और आसान ऋण जैसी योजनाओं ने कृषि क्षेत्र में ऋण की स्थिति में सुधार किया है। कृषि उपज की कीमतों में 150% की वृधि होना अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम है । यह मांग पिछले यूपीए सरकार के काल के दौरान लगभग एक दशक से लंबित थी।'


इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि 'बीज से लेके बाज़ार तक' योजना के अंतर्गत को देखते हुए, पूरे देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने में मोदी सरकार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। कृषि उत्पादन ने 279.51 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन के साथ एक नई ऊंचाई को छू लिया है। दालों के बफर स्टॉक की सीमा 1.5 लाख टन से बढ़कर 20 लाख टन हो गई। 2013-14 की तुलना में 2016-17 में दूध उत्पादन 18.81% बढ़ा है।


यह रिपोर्ट यह निष्कर्ष निकालती है कि प्रौद्योगिकी से लेकर फसल बीमा तक, आसान सिंचाई से लेकर आधुनिक सिंचाई विधियों तक, सरकार किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक व्यापक कार्य योजना को लागू करने में सफल रही है। समग्र कृषि विकास के लिए सरकार ने जो समग्र दृष्टिकोण अपनाया है, उसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं और कृषि को एक आकर्षक क्षेत्र बनाने की ओर देश अग्रसर है।


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