शब्दवाणी समाचार मंगलवार 23 अप्रैल 2019 नई दिल्ली। देश मैं चल रहे सभी ई रिक्शा बिना पेटेंट मानकों ओर सुरक्षा के नियमो का खुला उलंघन कर चल रहे हैं। इसमे राज्य सरकारे ओर रिक्शा बनाने वाली लगभग 159 इकाइयां भी दोषी है। ई रिक्शा का अविष्कार ओर उसका इंजन बनाने वाले कनिष्क सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि ई रिक्शा की टेक्नोलॉजी का अविष्कार उन्होंने किया है। सिन्हा ने खुले आम केंद्र सरकार, राज्य सरकार और रिक्शा बनाने वाली कंपनियों पर आरोप लगाया है कि उनके बनाये गए ई रिक्शा की टेक्नोलॉजी का खुला उल्लंघन कर बनाया और चलाया जा रहा है ,जो खुले आम पेटेंट नियमो की अव्हेलना है,जिसके लिये हमनें सरकारों और कंपनियों से 3000 करोड़ का मुआवजा मांगा है, हमने मान्य कोर्ट में पिटीशन दायर की है।
उन्होंने बताया कि पेटेंट जिनमे किसी भी अविष्कार को बनाने का अधिकार लेने के लिए उस वस्तु का कोई और प्रयोग न कर सके इसके लिए उस बनाई गई वस्तु के एकाधिकार अपने पास रखने के लिए उसका पेटेन्ट करवाना होता है ,इसमें यह भी देखना होता है कि इससे पहले तो ऐसी किसी वस्तु को किसी ओर ने तो नही बनाया,ओर पेटेन्ट तो नही करवा रखा है। कनिष्क सिन्हा ने बताया कि ई रिक्शा चलाने के लिए मोटर से इंजेन किस तरह चलेगा ओर उसका पूरी प्रकिया पर किस तरह असर पड़ेगा, क्या सभी आईएसओ ओर आई एस आई के नियमो का पालन किया गया है।वहाँ हम सभी मानकों पर खरे उतरे है,इसका पेटेन्ट कराने के लिए हमने कोलकत्ता राज्य में 14 दिसम्बर 2012 को एप्लिकेशन लगाई थी ,ओर उनके सभी अधिकार मुझे दिए गये।लेकिन बिना मेरी इजाजत लिए चाइना से मोटर मँगवाकर चोरी से ई रिक्शा बनवाने लगे, हमने मान्य कोर्ट का दरवाजा खटखटाया ओर 2014ओर 17 जून 2015 को हाई कोर्ट के आदेश हमारे पक्ष में आया,लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ घटनाएं हो जाने के बाद इसका ट्रांसपोर्ट अथॉरटी को नियम बनने और रजिस्ट्रेशन करने के लिए तत्कालीन ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरर गडकरी ने आदेश दिये उस समय भी मेरी अनुमति नही ली गयी ,अब बड़े पैमाने पर ई रिक्शा कम्पनिया सभी नियमो।का उलंघन कर बना रही है इनके खिलाफ हमने नुकसान की भरपाई ओर पेटेन्ट उधोग के नियमो के उल्लंघन का भी आरोप लगाते हुये 3000 करोड़ के मुआवजे की मांग करते हुए इनको बंद करवाने के लिये मान्य कोर्ट में अर्जी लगाई है।
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