भारत यूजर्स के लिये मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्टेशन सॉल्यूशन उपलब्ध कराते हैं : कपिल रायजादा
शब्दवाणी समाचार शनिवार 27 अप्रैल 2019 नई दिल्ली। भारत में मुख्य रूप से 22 भाषायें बोली जाती हैं और हमारे देश में बोली जाने वाली 39 भाषाओं में हमारे पास विभिन्न प्रकाशन मौजूद हैं। रेलम्र एक्व्र डि के रूप में भारत यूजर्स के लिये है, जिसमें 75% + यूजर्स कम्युनिकेशन यन्त्र राउजिंग के लिये मुख्य रूप से अपनी मूल भाषा को प्राथमिकता देते हैं। हम हिन्दी में पहले से ही उपलब्ध हैं और अब भारत यूजर्स के लिये इस एप्प को और भी आसान बनाने के लिये आठ नई प्रादेशिक भाषाओं को शामिल कर रहे हैं।
हम भारत यूजर्स के लिये मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्टेशन सॉल्यूशन उपलब्ध कराते हैं और भारत के सबसे तेजी से विकसित हो रहे ट्रैवेल एप्प हैं। यह लॉन्च हमारे फीचर्स एवं कंटेंट को हिन्दी, मराठी, गुजराती, बंगाली, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ सहित कुल 8 प्रादेशिक भाषाओं में उपलब्ध होंगे। वर्तमान में, ये भाषायें रेल ? के सभी एंड्रॉयड यूजर्स के लिये उपलब्ध हैं, लेकिन इस सुविधा को जल्द ही आइओएस और विंडोज वर्जन्स के भी लॉन्च किया जायेगा।
श्री मनीष राठी, सीईओ एवं सह-सं थापक, रेलवी ने कहा, "रेली एक ऐसा एप्प है, जो न सिर्फ भारत में निर्मित है, बल्कि जिसे भारत यूजर्स के लिये भी बनाया गया है। हम हमेशा ही एप्प को साधारण और इ तेमाल में आसान बनाने पर जोर देते हैं। और इसी बात को ध्यान में रखते हुये, यूजर्स की मूल भाषा के जरिये उनके साथ जुड़ाव बनाना तार्किक है। हम समझते हैं कि टियर |और टियर ||शहरों के यूजर्स अपनी मूल भाषा में हमारे एप्प तक ज्यादा आसानी से पहुंच पायेंगे।
श्री राठी ने बताया, “रेलयत्री ने विभिन्न प्रकार की यत्र । सेवाओं एवं जानकारी से यप्त यों को रोमांचित करना जारी रखा है। हमें महसूस हुआ कि उपयोक्तओं की अपेक्षाओं को पूरा करने का यह सही समय था जोकि इस एप्प का उपयोग अंग्रेजी के बजाय दूसरी भाषा में करना चाहते हैं।
रेली के सह-सं थापक कपिल रायजादा ने कहा, "चूंकि, भारतीय भाषाओं का इकोसि टम दुनिया के किसी भी दूसरे देश की तुलना में पूरी तरह से अलग है, इसलिये वर्ष 2021 तक, भारतीय भाषाओं के 500 मिलियन से अधिक यूजर्स होंगे, जबकि अंग्रेजी बोलने वाले यूजर्स की संख्या आधे से भी कम होगीहिन्दीभाषी यूजर्स अंग्रेजी भाषी यूजर्स पर भारी पड़ेंगे और हिन्दी भारत में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा इ तेमाल होने वाली भाषा होगी, जबकि मराठी, बंगाली, तमिल और तेलुगू बोलने वाले इंटरनेट यूजर्स की संख्या भारतीय भाषा के इंटरनेट यूजर्स का 30% होगी।
रेल र भारत में अब बहुभाषायी एप्प बन गया है। यह अपने यूजर्स को अपनी मूल भाषा चुनने और उसे अपनाने तथा जानकारी एवं सेवाओं से संबंधित इसके फीचर्स का इ तेमाल करने में मदद करता है।
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