होली के दौरान अपनी त्वचा को रंगों से कैसे बचाएं

शब्दवाणी समाचार वीरवार 21 मार्च 2019 नई दिल्ली। चेज अरोमाथेरापी कॉस्मटिक्स एंड स्किन केयर इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली ने अपने नारायणा विहार ब्रांच में 20 मार्च 2019 को एक शिविर का आयोजन किया जिसका मकसद लोगों को भिन्न रासायनिक रंगों के नुकसान से वाकिफ कराना था। भारत में होली क त्यौहार के मौके पर होली मनाने के लिए आमतौर पर ऐसे ही रंग लगाए जाते हैं।



चेज नेचुरोपैथी एंड अरोमा ब्यूटी क्लिनिक के संस्थापक डॉ. नरेश अरोड़ा ने कहा, “होली के ज्यादातर गुलाल बहुत सख्त और कोटिंग वाले रंग होते हैंइन्हें जब शरीर पर और खासकर चेहरे पर लगाया जाता है तो यह त्वचा के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे त्वचा में गरार पड़ सकती है और एलर्जी हो सकती है। डॉ. अरोड़ा ने आगे कहा, कभी-कभी इससे त्वचा में रैशेज (लाली) हो सकते हैं और सूजन आदि हो सकती है जिसे ठीक होने में महीनों लग सकते हैंऐसे में डॉ. अरोड़ा के मुताबिक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है शुष्क, प्राकृतिक और फूलों के पावडर के साथ पीसे हुए चंदन आजमाना है। रंग की जगह फूल और चंदन लगाने की कोशिश की जानी चाहिए। आप चाहें तो इसे प्राकृतिक तौर पर खुश्बूदार बना सकते हैं। इसके लिए इसमें तुलती के पत्ते या गुलाबजल मिला सकते हैं। इस तरह हम हर किसी के पास शांति, खुशी और आनंदमय होली का संदेश पहुंचा रहे हैं तथा लोगों ने आमतौर पर हमारे प्रयासों की प्रशंसा की है। तेज क्लिनिक के मुताबिक, होली खेलने से पहले आपको अपने चेहरे पर एक अच्छा मॉयश्चराइजिंग लोशन या फेशियल तेल ( एलमंड / ओलिव / अवोकैडो / जोजोबा) लगाना चाहिए। बालों की रक्षा के लिए आपको एक अच्छा अरोमा हेयर ऑयल लगाना चाहिए (इसके लिए एलमंड या नारियल का तेल भी चलेगा)। होली के बाद कभी भी चेहरे को डिटर्जेन्ट से साफ करने की कोशिश न करें। उच्च गुणवत्ता वाले एक माइल्ड फेसवाश और बालों के लिए माइल्ड शैम्पू का उपयोग कीजिए। आपके चेहरे और बालों से रंगों को पूरी तरह खत्म होने में 2-3 दिन लग सकते हैं पर आप अपने बालों और त्वचा को उनके नुकसानदेह एलर्जिक प्रभावों से सुर क्षत कर चुके होंगे।


चेज स्किन केयर इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर डॉ. नीति अरोड़ा ने कहा, “हर्बल अवयवों के गुलाल या तरल रंग बनाना इसे त्वचा और पारिस्थितिकी के अनुकूल बनाता है और इसकी हमेशा प्रशंसा की जाती हैहोली रंगों का त्यौहार हैऔर इसमें खुशी का प्रसार किया जाता है।” भागीदारों की गुजिया और मिठाइयां बांटते हुए डॉ. नीति ने यह जानकारी दी। डॉ. नरेश और डॉ. नीति अरोड़ा जाने-माने दंपति हैं जो नेचर केयर के क्षेत्र में सौंदर्य और र वामियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और ऐसा पिछले 20 वर्षों से कर रहे हैं। अभी तक इनलोगों ने भारत में और विदेशों में 8 लाख से ज्यादा सौंदर्य पेशेवरों से चर्चा की है।


चेज अरोमा ब्यूटी क्लिनिक, नई दिल्ली अपनी निदेशक डॉ. नीति अरोड़ा और उनकी टीम के योग्य दिशा निर्देशन में त्वचा की खराबियों के लिए प्राकृतिक उपचार मुहैया कराती रही हैं। इनमें त्वचा में दाग-धब्बे, मुंहासे (दाने), झुर्रियां, डीहाइड्रेटेड और संवेदनशील त्वचा, बाल गिरना, गंजापन, शरीर की गड़बड़ी और वजन कम करने के प्रोग्राम शामिल हैंडॉ. अरोड़ा के अनुसार आगामी गर्मियों के लिए मंत्र है : “हल्के भोजन खासकर तरह डायट, ढेर सारा पानी पीकर, हल्के व्यायाम और सकारात्मक रुख से बॉडी डीटॉक्सीफिकेशन में हमेशा मदद मिलती है और हम इस गर्मी का सामना कर पाते हैं।


डॉ. नीति ने ब्राइडल मेकअप और नेल आर्ट तकनीक में नवीनतम प्रवृत्तियों का प्रदर्शन किया जो शादी के आगामी मौसम में ब्यूटीशियंस के लिए बेहद उपयोगी होने जा रहे हैं। डॉ. नीति अरोड़ा जानी-मानी नेचुरोपैथ, ऐक्यूप्रेशरिस्ट और अरोमाथेरापिस्ट तथा ब्यूटी कौनसेलर हैंइन्होंने 20000 से ज्यादा सौंदर्य पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया है और देश भर में तथा विदेशों में दो लाख ब्यूटीशियन्स ने एक दिन की उनकी कार्यशाला में हिस्सा लिया है। सौंदर्य के क्षेत्र में निरंतर किए गए कार्यों के लिए डॉ. नीति को कई पुरस्कार मिले हैं और भिन्न गैर सरकारी संगठनों ने सम्मानित किया है।


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