गुलजार के गाने ही कर सकेंगे तीजन बाई की जिंदगी से न्याय:आलिया सिद्दीकी
शब्दवाणी समाचार बुधवार 20 मार्च 2019 नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी बचपन से ही प्रख्यात पंडवानी गायिका तीजन बाई की गायिकी के दीवाने थे। उनकी इस दीवानगी का आलम यह था कि जब वे तीजन बाई का कार्यक्रम देखने-सुनने जाते थे, तो बच्चे होने के कारण जब उन्हें मंच पर कार्यक्रम पेश कर रही तीजन बाई दिखाई नहीं देती थीं, तो नवाज अपनी कुर्सी पर खड़े हो जाते थे, ताक़ि उन्हें तीजन बाई की परफॉर्मेंस की एक झलक दिख जाए। आज नवाज़ इस बात को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं कि उनकी पत्नी आलिया सिद्दीकी और मंजू गढ़वाल वाय. एस. एंटरटेनमेंट के बैनर तले उसी मशहूर लोक गायिका तीजन बाई की जिंदगी पर फ़िल्म बनाने जा रही हैं। और, वह भी ऐसे समय में, जब तीजन बाई को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसमें से एक है पिछले साल, यानी वर्ष 2018 में उन्हें दिया गया ‘द फ़ुकुओका प्राइज’।. इसके अलावा उन्हें इसी साल पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के गनियारी गांव में 1956 में जन्मी तीजन बाई के पिता का नाम चुनुक लाल पारधी और मां का नाम सुखवती था। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति पारधी समाज से ताल्लुक रखनेवाली तीजन बाई को 1988 में पद्मश्री, 1995 में श्री संगीत कला अकादमी पुरस्कार, 2003 में डॉक्टरेट की डिग्री, 2003 में पद्म भूषण, 2016 में एम. एस. सुब्बालक्ष्मी शताब्दी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। तीजन बाई की शादी 12 साल की छोटी उम्र में ही कर दी गई थी, लेकिन एक महिला होने के बावजूद पंडवानी नामक गायिकी की विधा में बेहद रुचि रखने की वजह से उन्हें उनके पारधी समाज से निष्कासित भी कर दिया गया था। यानी, शौक के साथ संघर्ष का साथ बचपन में ही हो गया था। पारधी समाज से निष्कासित होने के बाद उन्होंने ख़ुद ही एक झोपड़ी बनाकर स्वतंत्र रूप से रहना शुरू कर दिया था, लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद गायिकी का दामन कभी नहीं छोड़ा, और आखिरकार इसी गायिकी ने उन्हें लोकप्रियता के एवरेस्ट पर पहुंचाया। आलिया सिद्दीकी कहती हैं, ‘तीजन बाई की जिंदगी के कई पहलू हैं, जिसके बारे में बहुत कुछ लिखा जा सकता है। मुझे शिद्दत से लगा कि उनकी जिंदगी पर एक फिल्म बनाई जानी चाहिए।’
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